विक्रम विश्वविद्यालय पीएचडी प्रवेश परीक्षा कांड, अब तक आठ के खिलाफ प्रकरण दर्ज
कुलपति को लोकायुक्त ने बुलवाया, मामले की जानकारी ली
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:विक्रम विश्वविद्यालय पीएचडी प्रवेश परीक्षा कांड में आठ व्यक्तियों खिलाफ प्रकरण दर्ज होने के बाद गुरुवार को मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है। इसमें लोकायुक्त ने विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति को लोकायुक्त ऑफिस को बुलावा कर प्रकरण के संबंध में जानकारी ली। इधर मामले कुछ और व्यक्तियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
विक्रम विवि में पीएचडी प्रवेश परीक्षा कांड में जांच के बाद लोकायुक्त ने पूर्व कुलसचिव, प्रोफेसर सहित 8 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज हो चुका है। इस बीच विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे गुरुवार दोपहर को कोठी पैलेस स्थित लोकायुक्त ऑफिस पहुंचे। बताया जाता है कि लोकायुक्त ने विधिवत पत्र-व्यवहार कर कुलपति को मामले से संबंधित जानकारी ली गई है। लोकायुक्त के जांच अधिकारी दीपक शेजवार ने एक घंटे से भी अधिक समय तक कुलपति से मामले से जुड़ी जानकारी प्राप्त की।
एक अभ्यर्थी को बचाने का प्रयास!
पीएचडी प्रवेश परीक्षा में गडग़बड़ी का मामला और गहराता जा रहा है। सूत्रों के अनुसार 30 जून को हुई कार्यपरिषद की बैठक में एक अपात्र अभ्यर्थी को बचाने के लिए गलत रोल नंबर एजेंडे में रख दिया गया। जब इसके दस्तावेज सामने आए तो विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया। इस बीच को लोकायुक्त ने तीन अभ्यर्थियों के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज करने के अगले ही दिन विवि के कुलपति प्रो. पांडे को मामले की जानकारी के लिए लोकायुक्त ऑफिस तलब किया है। संभवत: ऐसा पहला अवसर है,जब विक्रम विश्वविद्यालय के किसी कुलपति को कोई मामले की जानकारी के लिए लोकायुक्त में बुलवाया गया है।
नतीजे के पहले ही जांच समिति सदस्यों का इस्तीफा
विक्रम विवि में मार्च 2022 में आयोजित पीएचडी प्रवेश परीक्षा में पहली बार इंजीनियरिंग विषय को भी शामिल किया गया था। विश्वविद्यालय के ही जिम्मेदारों ने अपात्रों को पास करने के लिए आंसरशीट में कांट-छांट करते हुए नंबर बढ़ा दिए थे। फेल हुए अभ्यर्थियों को पास कर दिया था। मामला सामने आने पर जांच समिति गठित की गई। जांच में इंजीनियरिंग विषय की प्रवेश परीक्षा की 12 आंसरशीट (ओएमआर) में कांट-छांट पाई गई थी। जांच किसी नतीजे तक पहुंचती इसके पहले ही अचानक ऐसा कुछ हुआ की जांच समिति सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया। विश्वविद्यालय ने कोई कार्रवाई नहीं की।
18 मई 2023 को लोकायुक्त में शिकायत
बता दें कि प्रवेश परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए युवा कांग्रेस के बबलू खीची ने 18 मई 2023 को लोकायुक्त में शिकायत की। इसके बाद लोकायुक्त ने तत्कालीन प्रभारी कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक, सहायक कुलसचिव वीरेंद्र उचावरे, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के पूर्व कुलपति और विक्रम विश्वविद्यालय में प्रोफेसर डॉ. पीके वर्मा, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संस्थान के तत्कालीन निदेशक डॉ. गणपत अहिरवार और इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर व्हायएस ठाकुर के खिलाफ लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज किया। इसके बाद पीएचडी कांड में तीन और नाम बढ़ाए गए हंै। इसमें एटा-यूपी निवासी गौरव शर्मा, इटावा-देवास निवासी अंशुमा पटेल और उज्जैन निवासी अमित मरमट के नाम शामिल है।