Friday, September 22, 2023
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कुलसचिव, पूर्व कुलपति सहित पांच पर लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज

विक्रम विश्वविद्यालय में आंसरशीट में काट-छांट, ओवर राइटिंग का मामला

कुलसचिव, पूर्व कुलपति सहित पांच पर लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:विक्रम विश्वविद्यालय में डेढ़ वर्ष पूर्व हुई पीएचडी चयन परीक्षा में धांधली एवं फर्जी तरीके से नंबर बढ़ाने के लिए आंसर-शीट में छेड़छाड़ कर विद्यार्थी को फेल के मामले में लोकायुक्त ने पांच लोगों जिनमें कुलसचिव, पूर्व कुलपति, दो प्राध्यापक सहित एक सहायक कुलसचिव के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

विक्रम विश्वविद्यालय में मार्च 2022 हुई पीएचडी प्रवेश परीक्षा में धांधली कर अपात्रों को पास करने की शिकायत लोकायुक्त को मप्र युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव बबलू खिंची ने की थी। शिकायत के आधार पर लोकायुक्त ने शिकायतकर्ता बबलू खिंची व कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक सहित गोपनीय विभाग के अन्य अधिकारियों को लोकायुक्त कार्यालय बुलाकर बयान दर्ज किए थे।

जिन आंसर शीट में कांट-छांटकर नंबर बढ़ाए गए थे, उन्हें भी जांच के लिए बुलवाया था। शिकायतकर्ता बबलू खिंची ने बताया कि लोकायुक्त को शिकायत के बाद भी कुलसचिव द्वारा पद का दुरुपयोग कर विद्यार्थी की कोर्स वर्क परीक्षा करा ली गई थी। जांच समिति बनी थी, उसमें प्रमाणित हुआ था कि 12 ओएमआर शीट पर डबल गोले थे।

फेल को कर दिया पास, नंबर बढ़ा दिये

शीट में पहले क्रॉस का निशान लगाया, बाद में नंबर बढ़ाने के लिए राइट का टिक किया एसओईटी के एक अतिथि शिक्षक को पहले आंसरशीट में 18 नंबर दिए थे। सही उत्तर की संख्या के कॉलम में पहले 18 और गलत उत्तर के कॉलम में 82 लिखा हुआ था लेकिन सांठगांठ और हेरफेर कर आंसरशीट में 18 को काटकर 45 अंक कर दिया। क्योंकि पास होने के लिए 45 अंक ही चाहिए थे।

एसओईटी की ही एक अन्य अतिथि शिक्षक को भी पहले आंसरशीट में 26 अंक दिए गए थे। ओएमआर शीट पर किसी भी प्रश्न के जवाब में केवल एक ही विकल्प चुनते हुए काला गोल घेरा किया जाता है। यदि कोई अभ्यर्थी दो या दो से अधिक पर गोल घेरा करता है तो उसे रिजेक्ट किया जाता है, लेकिन दोनों अभ्यर्थियों की आंसरशीट में दो-दो गोले होने के बावजूद पहले उस पर क्रॉस का निशान लगाया गया था, बाद में उस पर राइट का टिक करते हुए नंबर देते हुए पास कर दिया गया।

जांच में गड़बड़ी सिद्ध होने पर केस चलेगा

लोकायुक्त के दीपक शेजवार के अनुसार प्राथमिक आधार पर जांच के बाद पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अब लोकायुक्त द्वारा मामले की विशेषज्ञता के साथ जांच की जायेगी। इसमें गड़बड़ी और आरोप सिद्ध होने पर प्रकरण आरोप -पत्र के साथ न्यायलय में दाखिल किया जाएगा। फिलहाल रिकॉर्ड की जब्ती करने के साथ संबंधितों के बयान लिये गये हैं।

इनके खिलाफ मामला दर्ज

लोकायुक्त पुलिस ने मामले में जांच के बाद कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक, पूर्व कुलपति व भू-विज्ञान के प्रोफेसर पीके वर्मा, भौतिक शास्त्र के सहायक प्राध्यापक गणपत अहिरवार, इंजीनियरिंग संस्थान के शिक्षक डॉ. वायएस ठाकुर और गोपनीय विभाग के सहायक कुलसचिव वीरेंद्र उचवारे के खिलाफ धारा 420, 468, 471, 201, 120 बी, भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 बी के तहत प्रकरण दर्ज किया है। लोकायुक्त पुलिस ने विश्वविद्यालय से छेड़छाड़ की गई आंसर शीट को भी जब्त किया है।

मामले की कई जगह शिकायत

विक्रम यूनिवर्सिटी में पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम के नाम पर हुए इस फर्जीवाड़े को लेकर मप्र युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव बबलू खिंची ने इस मामले की लिखित शिकायत आईजी, पुलिस अधीक्षक और माधवनगर थाना प्रभारी को की गई थी। लोकायुक्त को शिकायत में फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी सहित पद का दुरुपयोग करने, मूल दस्तावेजों में कांट-छांट करने, कूटरचना करने सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज करने की गुहार लगाई गई थी।

एक भी नियमित शिक्षक नहीं परीक्षा करा ली

विक्रम विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा-2022 के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। इसमें आंसरशीट में कांट-छांट और ओवर राइटिंग कर फेल अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया था। इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम की उत्तरपुस्तिका में फर्जीवाड़ा सामने आया था।

विश्वविद्यालय में मार्च 2022 में पीएचडी की एंट्रेंस एग्जाम हुई थी। इसमें पहली बार इंजीनियरिंग विषय में भी पीएचडी की शुरुआत की गई, जबकि स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संस्थान (एसओईटी) में एक भी नियमित शिक्षक नहीं था। इंजीनियरिंग में पीएचडी शुरू करने के लिए विवि के जिम्मेदारों ने शोध निदेशक नहीं होने पर इंजीनियरिंग कॉलेज से एमओयू कर पीएचडी की सीटें निकाल दी। एंट्रेंस एग्जाम में एसओईटी में कार्यरत कई गेस्ट फैकल्टी ने फॉर्म जमा किया और पास भी हो गए। जो पास होने के लिए न्यूनतम अंक हासिल नहीं कर सके, उनकी आंसरशीट में कांट-छांट कर नंबर बढ़ा दिए गए।

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