Friday, September 22, 2023
Homeउज्जैन समाचारकैंसर यूनिट में गले और मुंह के कैंसर का करा रहे उपचार

कैंसर यूनिट में गले और मुंह के कैंसर का करा रहे उपचार

कैंसर यूनिट में गले और मुंह के कैंसर का करा रहे उपचार

30 प्रतिशत मरीज तंबाकू सेवन करने वाले

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:जिला अस्पताल की कैंसर यूनिट में लगातार मरीज आ रहे हैं। यह आंकड़ा अब 5 हजार 900 तक पहुंच गया है। इनमें से 30 फीसदी कैंसर पीडि़त मरीज ऐसे हैं जो तंबाकू के सेवन से इस जान लेवा बीमारी का शिकार हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि सिंहस्थ 2016 के दौरान सख्याराजे प्रसूतिगृह नवनिर्मित 7 मंजिला चरक अस्पताल में शिफ्ट हुआ था। इसी के साथ रिक्त हुए प्रसूतिगृह में जिला अस्पताल में कैंसर यूनिट शुरू की गयी थी। यहां तभी से कैंसर मरीजों का सुबह आओ शाम को घर जाओ की तर्ज पर उपचार किया जा रहा है। स्पेशलिस्ट चिकित्सकों के साथ-साथ कैंसर यूनिट में उपचार के अत्याधुनिक साधन और जांच मशीनों की भी पर्याप्त व्यवस्था इतने सालों में नहीं हो पाई है।

तंबाकू सेवन कर 1770 मरीज पहुंचे

कैंसर यूनिट में उपचार हेतु रजिस्ट्रर्ड हो चुके कुल 5 हजार 900 मरीजों में से 1770 मरीज ऐसे हैं जिन्होंने तंबाकू का सेवन किया है और उसके बाद गले और मुंह के कैंसर से ग्रसित हुए है। ऐेसे में यहां कैंसर के कुल मरीजों में 30 प्रतिशत से अधिक मरीज तंबाकू सेवन से पीडि़त होकर यहां उपचार के लिये आये इनमेंं ज्यादातर कैंसर की दूसरी या तीसरी स्टेज के हैं।

भर्ती कर उपचार संभव नहीं

यहां पिछले 7 सालों में केवल 10 पलंग के वार्ड में कैंसर मरीजों का उपचार किया जा रहा है। गंभीर मरीजों को भर्ती करने की अभी भी यहां कोई व्यवस्था नहीं हैं। इसके पीछे जवाबदारों का कहना है कि कैंसर यूनिट में पर्याप्त सुविधाओं और संसाधनों की कमी के चलते यहां मरीजों को भर्ती कर उपचार संभव नहीं।

7 साल में 5900 पंजीयन

कैंसर यूनिट की शुरुआत से लेकर अब तक ओपीडी में रजिस्टर्ड हो चुके कैंसर मरीजों की संख्या 5 हजार 900 तक पहुंच गयी है। इनमें करीब 1500 मरीजों को कीमोथैरेपी दी जा रही है। जबकि 300 के करीब पैलेटिव केयर अर्थात गंभीर अवस्था के मरीज हैं। यहां से 29 प्रकार की दवाएं मरीजों को नि:शुल्क उपलब्ध करायी जा रही है।

कैंसर यूनिट में अभी तक 5 हजार 900 मरीज उपचार हेतु पंजीयन करा चुके हैं। इनमें से 1770 मरीज तंबाकू सेवन के बाद कैंसर पीडि़त हुए हैं। इन्हें मुंह, गला, आहार नली, जबड़े में कैंसर हुआ है।

इस तरह के अधिकांश मरीज बीमारी की दूसरी और तीसरी स्टेज में उपचार के लिये आये हैं। प्रारंभिक अवस्था में जांच करा उपचार शुरू कराने पर कैंसर से छुटकारा पाया जा सकता है। तंबाकू का सेवन किसी भी रूप में नहीं करना चाहिए।
डॉ. सी.एम. त्रिपाठी, प्रभारी कैंसर यूनिट, जिला अस्पताल

जरूर पढ़ें

मोस्ट पॉपुलर