क्यों मनाते हैं शिक्षक दिवस, जानें इस दिन का इतिहास और महत्व

हर व्यक्ति के जीवन में एक शिक्षक की जरूरत होती है. किसी व्यक्ति को सफल बनाने और सही दिशा दिखाने में शिक्षक का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है. भारत में गुरुकुल परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. गुरु को माता-पिता से भी ऊपर रखा गया है. शिक्षक दिवस हर साल देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है. इस दिन को शिक्षकों के सम्मान और उनके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. पहली बार 60 के दशक में टीचर्स डे मनाया गया था.
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शिक्षक दिवस का महत्व
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 साल एक शिक्षक के रूप में देश को समर्पित किए थे। उन्होंने हमेशा से ही शिक्षकों के सम्मान पर जोर दिया। उनका मानना था कि एक सच्चा शिक्षक समाज को सही दिशा देने में अहम भूमिका निभाता है। एक सच्चा शिक्षक अपने शिष्य को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना सिखाते हैं और उनका जीवन सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, इसलिए शिक्षकों की अनदेखी ठीक नहीं। यह दिन शिक्षकों द्वारा दिए गए इन सभी योगदानों के प्रति आभार व्यक्त करने का एक बेहतरीन मौका है।
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन कौन थे?
भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुतानी गांव के एक गरीब परिवार में हुआ था. वह एक महान विद्वान, शिक्षक, राजनयिक थे. उनकी पढ़ाई तिरुवल्लुवर में गौड़ी स्कूल और तिरुपति मिशन स्कूल में हुई. पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में सहायक प्रोफेसर का पद ग्रहण किया. वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में लेक्चरर भी थे. कोलकाता विश्वविद्यालय (जॉर्ज वी कॉलेज) में प्रोफेसर के रूप में भी काम किया. वह आंध्र प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति भी थे.
शिक्षक दिवस के रूप में जन्मदिन मनाने का आग्रह
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr Sarvepalli Radhakrishnan) से उनके छात्र काफी प्रभावित थे. एक बार कुछ छात्र उनका जन्मदिन मनाना चाहते थे. जब छात्रों ने राधाकृष्णन से उनके जन्मदिन के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि मेरे जन्मदिन मनाने से अच्छा है कि आप लोग इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाएं. यह मेरे लिए गर्व की बात होगी. तभी से भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) के रूप में मनाया जाने लगा. डॉ सर्वपल्ली ने एक बार कहा था कि पूरी दुनिया एक विद्यालय है जहां से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है. जीवन में शिक्षक हमें केवल पढ़ाते ही नहीं है बल्कि हमें जीवन के अनुभवों से गुजरने के दौरान अच्छे-बुरे के बीच फर्क करना भी सिखाते हैं.
विश्व शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?
पूरे विश्व में लगभग 100 देश 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं. 5 अक्टूबर, 1966 को संयुक्त राष्ट्र (UN) में पहली बार शिक्षकों की भूमिका पर चर्चा की गई थी. इसके बाद 1994 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने 5 अक्टूबर को शिक्षक दिवस मनाने का ऐलान किया.
देश के कई ऐसे महान शिक्षक हैं जिन्होंने दुनिया में अपना परचम लहराया है.
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
प्रफुल चंद्र राय
श्रीनिवास रामानुजन्
चन्द्रशेखर वेंकटरमन
जगदीश चन्द्र बसु
सत्येन्द्रनाथ बोस
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम