Wednesday, October 4, 2023
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खबर नहीं चर्चा..चुनावी तैयारी,टीम राहुल पहुंची…!

चुनावी तैयारी,टीम राहुल पहुंची…!

कर्नाटक में जीत के बाद विधानसभा चुनाव के पांच महीने पहले राहुल गांधी की टीम ने मप्र में मोर्चा संभाल लिया है। टीम के सदस्य प्रदेश की सभी विधानसभा सीट में पहुंचकर लोगों की राय जानकर चुनावी रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि टीम के चुनिंदा सदस्य उज्जैन का संक्षिप्त दौरा कर जा चुके है।

कांग्रेसियों का इसकी खबर तक नहीं है। आने वाले समय में टीम के सदस्य सर्वे करने आएंगे। इसकी रिपोर्ट सीधे राहुल गांधी को सौंपी जाएगी। इस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही मप्र में विधानसभा चुनाव की रणनीति और टिकट के बारे में तय होगा।

अध्यक्ष का नाम अटका

इंदौर, भोपाल और खंडवा जिले के अध्यक्ष के साथ अब उज्जैन शहर अध्यक्ष का नाम भी अटक गया है। विवादास्पद बयानों का ऑडियो सामने आने के बाद उज्जैन शहर कांग्रेस अध्यक्ष को यह कहते हुए पद से हटा दिया गया था कि नोटिस के जवाब पर कांग्रेस कमेटी द्वारा विचार करने तक आपको वर्तमान दायित्व से मुक्त किया जाता है। जवाब दिया जा चुका और कमेटी विचार भी कर चुकी है,लेकिन न हटाएं गए अध्यक्ष को पद दिया है और ना ही नए अध्यक्ष की नियुक्ति की गई है। उक्त चार अध्यक्षों की नियुक्त का मामला केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंच गया है। नियुक्ति के मामले में सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है, ताकि पार्टी का कोई भी निर्णय निकट में विधानसभा चुनावों पर नहीं पड़े।

एक दल जो आवेदन ले रहा है

प्रदेश में विधानसभा चुनाव को अब बमुश्किल 5 महीने ही बचे है। ऐसे में राजनीति पार्टियां जिताऊ चेहरे तलाश रही है। एक दल है,जिसकी प्रदेश में अभी जमीन मजबूत नहीं है। वह भी दावेदारों से आवेदन लेने की शुरुआत करने जा रही है। टिकट के दावेदारों को आवेदन में पॉलिटिकल, पर्सनल और प्रोफेशनल बैकग्राउंड के साथ ही आर्थिक स्थिति और क्षेत्र की जातिगत परिस्थितियां भी बताना होगी।

ये भी बताना होगा कि कहीं कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं हैं। और सबसे खास ये है कि आवेदन के लिए फीस भी जमा करनी होगी।फीस के पीछे पार्टी के जिम्मेदारों का तर्क है कि पार्टी सत्ता में तो है नहीं, लिहाजा पार्टी के आयोजनों और संचालन के लिए कार्यकर्ताओं से ही सहयोग लिया जाएगा।

तो बदल जाएगा मतदान केंद्र

इस बार किसी भी मतदान केंद्र पर 1500 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे। अगर किसी मतदान पर इससे ज्यादा संख्या बढ़ती है, तो नया मतदान केंद्र बनाया जाएगा। इसके साथ जहां बहुत कम संख्या में मतदाता हैं, उन्हें खत्म कर दूसरे मतदान केंद्र पर शिफ्ट किया जाएगा।

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