किसी को हार्ट की परेशानी तो कोई टेंशन में, अब जाएंगे कोर्ट
उज्जैन। केन्द्रीय जेल भेरूगढ़ में पदस्थ प्रहरियों के जीपीएफ खातों में हेराफेरी कर करोड़ों रुपयों का गबन जेल अधीक्षक और उनके अधीनस्थों ने किया। अपनी जिंदगी भर की बचत गबन कांड की भेंट चढऩे से चिंतित प्रहरी अब हार्ट, ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि रुपये वापस कैसे मिलेंगे।
प्रहरी मेहबूब खां 59 वर्ष ने बताया कि अब यह रुपये वापस कैसे मिलेंगे यही सोच कर पूरा दिन टेंशन में गुजरता है। टेंशन और डिप्रेशन के कारण बीमार हो गया हूं। अब जिला चिकित्सालय में चेकअप कराने के बाद उपचार ले रहा हूं।झूठी एफआईआर दर्ज कराई, सस्पेंड किया और बहाली के मांगे 50 हजार
मेहबूब ने बताया कि जेल अधीक्षक ने 9 फरवरी 2022 को झूठी कहानी बनाकर सस्पेंड कर दिया और आगर में अटैच किया था। बहाली के आदेश आए तो उषा राज ने बागली ट्रांसफर कर दिया और बाद में भेरूगढ़ जेल में बहाल करने के बदले 50 हजार रुपयों की मांग की थी। मेहबूब ने बताया कि हर माह जीपीएफ खाते में रुपये जमा करने पर मोबाइल में मैसेज आता था। जब मैसेज आना बंद हुआ तो ट्रेजरी में जांच कराई जहां से पता चला कि उनके खाते से 16 लाख रुपये निकाले गये हैं जो प्रहरी और मेडम के वाहन चालक शैलेन्द्र सिकरवार के खाते में ट्रांसफर हुए थे।
रिकवरी नहीं हुई तो कोर्ट जाएंगे- प्रहरी गणपत सूर्या, गोर्धन रघुवंशी, सुरेश मरमट, सईद खान सहित कई लोग बीमारियों से ग्रस्त हो चुके हैं। प्रहरियों का कहना है कि यदि पुलिस द्वारा आरोपियों से रिकवरी कर हमारी राशि वापस नहीं लौटाई गई तो कोर्ट का सहारा लेंगे।