गर्मियों का मौसम है और अब हमें खुद के और परिवार की सेहत से जुड़ी बहुत सारी बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। परिवार में भी नन्हें बच्चे की सेहत पर तो सबसे ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत होती है क्योंकि वे खुद से कोई काम करने में सक्षम नहीं होते। फिर उनकी नासमझी ही तो उन्हें एक बच्चा बनाती है ऐसे में हमें गर्मियों में बच्चों की हेल्थ को लेकर बड़ी समझदारी के साथ काम लेना चाहिए।
कपड़ों का चुनाव : गर्मी के मौसम में बच्चों को ढीले-ढाले कपड़े पहनाएं और कोशिश करें कि उनमें ज़्यादातर सूती कपड़े ही शामिल हों। सूती कपड़े पसीना सोखने के साथ ही उन्हें हल्का-फुल्का सा महसूस कराएंगे। इस बात का भी ध्यान रखें कि कपड़ों में ज़्यादा लेयर न हों इससे बच्चों को इरिटेशन होती है और वे चिड़चिड़े हो जाते हैं।
सही तापमान : बच्चे जिस कमरे में रहें उस कमरे का तापमान न तो ज़रूरत से ज़्यादा ठंडा होना चाहिए और न ही ज़्यादा गर्म। तापमान को बैलेंस करके रखें। तापमान का बच्चों के मूड से बहुत बड़ा कनेक्शन होता है। जिसे हम कई बार समझ नहीं पाते है। रूम में तापमान का ध्यान रखने के साथ ही वेंटिलेशन भी अच्छा होना चाहिए। उनकी बेडशीट भी सूती कपड़े की होनी चाहिए।
त्वचा की देखभाल : बच्चों की स्किन सबसे ज़्यादा संवेदनशील होती है ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेकर ही स्किन केयर प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें। इसमें सनस्क्रीन को शामिल करना बिलकुल न भूलें ये उन्हें सूरज की हानिकारक किरणों से बचाने में काफी मदद करेगी।
हाइड्रेट के तरीके : गर्मियों में अगर बच्चों को हाइड्रेट न रखा जाए तो उनकी सांस तेज़ चलने लगती है और बेचैनी होती है। इससे बचने के लिए उन्हें नींबू पानी, नारियल पानी, लस्सी के साथ ही हर आधे घंटे के अंतराल में पानी भी पिलाते रहें।
खेलने की गतिविधियां : सर्दी हो या गर्मी बच्चों को तो खेलने से मतलब होता है ऐसे में आप उनकी गतिविधियों का ध्यान रखें। दोपहर के समय जब तेज़ गर्मी या लू चले तो उन्हें खेलने न दें और बाहर तो बिलकुल न निकलने दें।
नहाने का समय : बच्चों को गर्मियों के मौसम में दोपहर के समय ही नहलाएं, ज़्यादा सुबह या ज़्यादा शाम को नहलाने से उन्हें सर्दी-गर्मी हो सकती है। वहीं दिन के समय नहलाने से उन्हें गर्मी से भी राहत मिलेगी।
सफाई का ध्यान : बच्चों को नहाने के साथ ही समय-समय पर हाथ मुंह भी धोते रहें। इससे आप उन्हें किसी भी तरह के इंफेक्शन और वायरस से बचा पाएंगे।