गर्मी में तेजी से घट रहा गंभीर डेम का जलस्तर
पिछले साल की तुलना में 84 एमसीएफटी पानी कम
सप्लाई के लिए 25 दिन का ही पानी शेष बचा है
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन : शहर में जल की आपूर्ति करने वाले गंभीर डेम में गर्मी के कारण जलस्तर तेजी से घटता जा रहा है। स्थिति यह है कि रोजाना 9 से लेकर 10 एमसीएफटी पानी, डेम से घट रहा है। जिस हिसाब से डेम में पानी घटता जा रहा है उससे तो अब सप्लाई के लिए 25 दिन का ही पानी शेष बचा है। 22 जून को डेम में 257 एमसीएफटी पानी उपलब्ध था, जबकि गत वर्ष इसी तारीख को 341 एमसीएफटी पानी था। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर डेम का पानी जा कहा रहा है।
मालूम हो कि उज्जैन की औसत बारिश 36 इंच है। लगातार पिछले दो वर्षों में औसत से अधकि बारिश हुई है। नतीजतन सारी जल संचरनाएं लबालब भरी रही और गंभीर डेम अपनी पूर्ण क्षमता 2250 एमसीएफटी अनुरूप भरा रहा। इसके बाद शहर में नियमित जल प्रदाय किए जाने से डेम तेजी से खाली हो रहा है।
वैसे उज्जैन के लिए पानी की जरूरत 4 एमसीएफटी प्रतिदिन है, पर डेम से खपत 10 एमसीएफटी प्रतिदिन की हो रही है। वो भी तब जब प्रशासन के अनुसार न पानी चोरी हो रहा है और ना कहीं लीकेज की वजह से व्यर्थ बह रहा है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर पानी जा कहां रहा है।
तोड़ा पिछला रिकॉर्ड
इस साल डेम में 20 जून की स्थिति में पिछले साल के मुकाबले कम पानी है। 22 जून 2022 को गंभीर डेम में 341 एमसीएफटी पानी था, जबकि 22 जून 2023 को डेम में 247 एमसीएफटी पानी है। यानी पिछले साल के मुकाबले डेम में 84 एमसीएफटी पानी कम है। 84 एमसीएफटी पानी से शहर में 21 दिन एक समय जलप्रदाय किया जा सकता है।
कम होने का कारण…
आकड़ों के अनुसार गत वर्ष शीतकाल में अमूमन रोज 6 एमसीएफटी पानी डेम से घटा। वहीं भीषण गर्मी के वक्त ये मात्रा 7 से 8 एमसीएफटी प्रतिदिन की रही। पर इस बार तो सारे रिकॉर्ड ही टूट गए हैं। शीतकाल में ही यह आकड़ा ७ एमसीएफटी था और ग्रीष्मकाल में 9 से 10 एमसीएफटी प्रतिदिन घट रहा है। पीएचई के सहायक यंत्री मनोज खरात के अनुसार डेम से पानी के कम होने का कारण वाष्पीकरण के साथ बूस्टिंग और पंपिंग भी है।