जय गुरुदेव आश्रम में भंडारे और सत्संग के समापन पर उमाकांत महाराज ने कहा
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन। गुरु दक्षिणा देना भारत की परंपरा है। उसे निभाते हुए आप भी आज नाम दान के बदले गुरु दक्षिणा दे सकते हो। गुरु दक्षिणा में आप अपनी बुराइयों को यही छोड़ जाओ। अब तक जो आपने मांसाहार और शराब जैसे बुद्धि नाशक नशे का सेवन किया, जीव हत्या की, दूसरी महिला के साथ बुरा कर्म किया, वो अब मत करना। उसे बंद करो और जीव हत्या वाला भोजन न करने का संकल्प लो।
यह बात हजारों अनुयायियों की मौजूदगी में बाबा उमाकांत महाराज ने गुरुवार को भंडारे और सत्संग के अंतिम दिन सत्संग एवं नामदान देते हुए कही। उन्होंने कहा कि अंडा बेहद गंदी चीज है, न खाना न बच्चों को खिलाना। शराब में एक हजार बुराई है। इसे पीने के बाद इंसान होश में नहीं रहता तो ऐसे नशे का सेवन मत करो जिसे पीने के बाद बुद्धि काम न करें और होश में न रह जाओ।
अखाड़ों सहित अन्य धर्म गुरु हुए शामिल
आयोजन के दौरान 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर, जिनमें प्रमुख रूप से संत शैलेशानंद गिरि, माता मंदाकिनी आदि मौजूद रहेे। वहीं बोहरा समाज के प्रमुख हाजी मुल्ला क़ुतुब फातमी, शहर काजी खलीकुर्रेहमान, सिख समाज से सुरेंद्रसिंह अरोरा व अन्य धर्म गुरुओं ने भी वार्षिक भंडारे के अवसर पर आयोजित धर्म कल्याण, जन कल्याण और आत्म कल्याण के इस धर्म समागम में भाग लिया।
धर्मों, समाजों के प्रमुखों से बाबा उमाकान्त ने कहा कि ईश्वर, ख़ुदा को भूलने के कारण मानव का खान-पान, चाल-चलन खऱाब होता जा रहा है। हिंसा, हत्या और मांसाहार के कारण लोग अपने देव दुर्लभ मनुष्य मंदिर, जिस्मानी मस्जिद को गंदा कर रहे है। इससे उनकी पूजा, इबादत को वो परमेश्वर, ख़ुदा स्वीकार नहीं कर रहा है। इसलिए सभी धर्म प्रमुखों को चाहिए कि मतभेद भूलकर एक विचार भावना बनाकर ईश्वरवादी ख़ुदापरस्त बनें व लोगों को बनाएं।
प्रसाद लेकर बाबा के भक्तों का प्रस्थान
तीन दिन तक जयगुरुदेव सत्संग और भंडारे में गुलाबी वस्त्र धारण कर शामिल हुए बाबा के भक्त कार्यक्रम के अंतिम दिन अपने हाथों से प्रसाद रूपी अपने गुरु की दीक्षा ग्रहण कर अपने-अपने गंतव्य को रवाना हो गए। कई दिनों तक भंडारे में चीन, श्रीलंका, दुबई, अमेरिका, हांगकांग, मॉरिशस समेत अनेक देशों से भक्त आए थे।