चिमनगंज थाने में फोर्स की जरूरत 70 की, नियुक्त 50

7 गांवों सहित दर्जनों कालोनियों की कानून व्यवस्था संभाल रहे पुलिसकर्मी
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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन प्रदेश में पुलिस फोर्स की कमी का सीधा असर लॉ एण्ड ऑडर पर पड़ रहा है। इससे चिमनगंज थाना भी अछूता नहीं। थाने के क्षेत्रफल और आबादी के मान से शासन नियमानुसार थाना प्रभारी सहित 70 का फोर्स स्वीकृत है, लेकिन वर्तमान में मात्र 50 पुलिसकर्मी कानून व्यवस्था संभाल रहे हैं।

चिमनगंज थाना क्षेत्र में 7 गांवों सहित दर्जनों कालोनियां भी आती हैं। फिलहाल प्राप्त बल अनुसार थाने को 4 बीट आरडी गार्डी, ढांचा भवन, चिमनगंज मंडी और कानीपुरा में विभाजित किया गया है। इस बीट में 1 एसआई, 1 एएसआई, 3 हेडकांस्टेबल और 3 आरक्षक हैं। बीट का काम अपने अपने क्षेत्र में होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने के साथ ही अपराधों की विवेचना करना, गुण्डे बदमाशों की धरपकड़ और अन्य कार्य होता है।
दूसरे शहरों और राज्यों में बीट आरक्षकों को लगातार अपने क्षेत्र में भ्रमण करने के अलावा दूसरा कार्य नहीं सौंपा जाता, लेकिन थाने में बल की कमी के चलते प्रधान आरक्षक और आरक्षक अपनी बीट में लगातार भ्रमण नहीं करते। अधिकांश आरक्षकों को कम्प्यूटर, वाहन पार्टी, मुल्जिम पेशी, वीआईपी व्यवस्था, अफिस संबंधी कार्य में लगाया जाता है, जबकि एसआई और एएसआई अपराधों की विवेचना और कोर्ट संबंधी कार्य में ही उलझे रहते हैं।
मालखाना प्रभारी का पद भी खाली
पुलिस द्वारा दुर्घटना, अपराध, चोरी अथवा अन्य मामलों में जब्त वाहनों को थाना परिसर में खड़ा किया जाता है। इन वाहनों की संख्या और निकाल की जिम्मेदारी मालखाना प्रभारी की होती है, लेकिन थाने में मालखाना प्रभारी का पद वर्षों से रिक्त पड़ा है। इस कारण थाने में आज की स्थिति में कितने दो पहिया, तीन पहिया, चार पहिया जब्त वाहन खड़े हैं और उनके निराकरण की क्या व्यवस्था है इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है।








