चिलचिलाती धूप में 118 किमी नंगे पांव चलेंगे पंचक्रोशी यात्री
15 अप्रैल से होगी शुरु, पड़ावों पर तैयारियों के लिये समय कम
पंचक्रोशी यात्रा में पिछले वर्ष 50 हजार से अधिक यात्री शामिल हुए थे। इस बार यह आंकड़़ा बढऩे का अनुमान है।
अक्षरविश्व प्रतिनिधि .उज्जैन।धर्म नगरी में पंचक्रोशी यात्रा इस बार 15 अप्रैल से प्रारंभ होगी और 19 अप्रैल को इसका समापन होगा। यात्रा में हजारों पंचक्रोशी यात्री 118 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 5 दिन लगातार नंगे पैर चलेंगे। इसकी तैयारियों के लिये प्रशासन के पास अब अधिक समय नहीं रहा है।
15 अप्रैल को वैशाख कृष्ण दशमी पर इस यात्रा का शुभारंभ होगा। पंचक्रोशी यात्री पटनी बाजार स्थित नागचन्द्रेश्वर मंदिर में भगवान के दर्शन कर वहां से बल लेकर यात्रा की शुरुआत करेंगे। वहीं पांच दिवसीय यात्रा का समापन 19 अप्रैल को अमावस्या पर होगा। इस दौरान यात्री शिप्रा स्नान के बाद भगवान नागचंडेश्वर को मिट्टी से बने अश्व अर्पित कर बल लौटाएंगे।
इसके बाद अपने घरों की ओर लौटेंगे। पंचक्रोशी यात्रा में पिछले वर्ष 50 हजार से अधिक यात्री शामिल हुए थे। इस बार यह आंकड़़ा बढऩे का अनुमान है। इधर पंचक्रोशी यात्रा के 118 किलोमीटर लम्बे मार्ग पर यात्रियों की सुविधा के लिये तैयारियों हेतु अब आज से दो दिन का समय शेष रह गया है। पिछले दिनों कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने अधिकारियों की बैठक लेकर संबंधित विभागों को तैयारियों के निर्देश दिए थे।
इन विभागों पर तैयारी की जिम्मेदारी
पंचक्रोशी यात्रा के लिये जिला पंचायत विभिन्न पड़ाव एवं उप पड़ावों पर टेंट लगाकर छाया की व्यवस्था करता है। इस बार सात पड़ाव एवं उप पड़ाव पर 15-15 हजार वर्गफीट टेंट लगाकर छाया की व्यवस्था की जायेगी। यह व्यवस्था पिंगलेश्वर में छह दिन एवं करोहन, नलवा, अंबोदिया, कालियादेह, जैथल व उंडासा में तीन-तीन दिन रहेगी।
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने निर्देश दिये हैं कि, लोक निर्माण विभाग समस्त पड़ाव एवं उप पड़ाव स्थल का समतलीकरण करेगा, पंचक्रोशी मार्ग का संधारण करेगा, मार्ग से कांटे, कंकड़-पत्थर हटायेगा, मन्दिर में आने-जाने हेतु बैरिकेटिंग की व्यवस्था करेगा, यात्रा मार्ग में आने वाली पुल-पुलियाओं पर रैलिंग लगाने का कार्य करेगा।
इसी के साथ अष्टतीर्थ मार्ग का संधारण, जैथल से उंडासा जाने वाले मार्ग पर डिवाइडर लगाने का कार्य भी लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है।
लोक निर्माण विभाग विद्युत एवं यांत्रिकी प्रभाग को पड़ाव एवं उप पड़ाव स्थल पर स्ट्रीट लाईट चालू करने का जिम्मा सौंपा गया है। इसी तरह पी.एच.ई. को प्रत्येक पड़ाव एवं उप पड़ाव एवं यात्रा मार्ग में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु स्थाई एवं अस्थाई टंकियां रखने, नल जल योजनाओं को चालू करने एवं प्रत्येक 500 मीटर पर पेयजल उपलब्ध कराने व स्नान हेतु फव्वारे लगाने के निर्देश दिये हैं।
प्रमुख पड़ाव…
दूरी और मंदिर
12 किमी नागचंद्रेश्वर से पिंगलेश्वर के बीच
23 किमी पिंगलेश्वर से कायावरोहणेश्वर के मध्य
21 किमी कायावरोहणेश्वर से नलवा उप पड़ाव तक
06 किमी नलवा से बिल्वकेश्वर पड़ाव अम्बोदिया तक
21 किमी अम्बोदिया से कालियादेह उप पड़ाव तक
07 किमी कालियादेह से दुर्देश्वर पड़ाव जैथल तक
16 किमी दुर्देश्वर से पिंगलेश्वर होते हुए उंडासा तक
वहीं उंडासा उप पड़ाव से क्षिप्रा घाट रेत मैदान उज्जैन तक 12 किमी का रास्ता तय करना होता है। कुल यात्रा 118 किलोमीटर चलकर तय होती है।
एक नजर यात्रा के स्वरूप पर
15 अप्रैल को वैशाख कृष्ण दशमी पर शुरू होगी यात्रा।
19 अप्रैल को वैशाख अमावस्या पर होगा समापन।
पांच दिन तपती दोपहर में पद यात्रा करेंगे श्रद्धालु।
चार द्वारपाल की पूजा की सुख समृद्धि की प्रार्थना करेंगे भक्त।
118 किलोमीटर लंबा है यात्रा मार्ग।
एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान।
चार पड़ाव जहां रात्रि विश्राम करेंगे पंचक्रोशी यात्री।
दो उप पड़ावों पर भी भोजन आदि का रहता है प्रबंध।