कहीं मकानों के सीसी पोल लटक रहे तो कहीं टीनशेड और गार्डर गिरने की कगार पर
चौड़ीकरण में तोड़े गए मकान बन सकते हैं लोगों के लिए खतरा…
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:केडी गेट से इमली तिराहे तक नगर निगम द्वारा किए जा रहे चौड़ीकरण कार्य में अब तक जितने भी मकानों को लगाए निशानों तक तोड़ा गया है। वे तेज हवा या आंधी चलने पर खतरा बन सकते हैं। अधिकांश मकानों के तोड़े जाने के बाद छतों के सीमेंट-कांक्रीट के पोल, लोहे की गार्डर और सरिए से लेकर टीनशेड तक हवा में झूल रहे हैं। इन्हीं के साए में मजदूर काम भी कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले एक पखवाड़े से नगर निगम केडी गेट से इमली तिराहे तक का चौड़ीकरण कर रहा है। अधिकारियों के मुताबिक अभी तक क्षेत्र के लगभग 80 प्रतिशत से अधिक मकानों को निर्धारित मापदंड के अनुसार तोड़ा जा चुका है। केडी गेट से लेकर चंद का कुंआ मार्ग तक तोड़े गए कई मकान तीन से चार मंजिला हैं। इन मकानों के लगभग आधे हिस्से चौड़ीकरण की जद में आए हैं।
शेष छूटे हुए हिस्सों में टूटे हुए मटेरियल को व्यवस्थित तरीके से नहीं हटाया गया है। ज्यादातर मकानों की 10 से 12 फीट लंबी लोहे की गार्डरें हवा में झूल रही है। कई जगह मकानों की छत के आरसीसी के पोल सरियों के सहारे लटक रहे हैं। कुछ पक्के मकानों की छत पर बनाए गए टीनशेड मकान का निचला हिस्सा टूट जाने के बाद भी लोहे के एंगलों पर टीके हुए हैं।
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि तेज हवा या आंधी के दौरान यह कभी भी धराशायी हो सकते हैं और इनकी चपेट में आने से किसी की भी जान जा सकती है। इन्हीं के नीचे मलबा हटाने और नाली साफ करने का काम कई मजदूर कर रहे हैं। उनकी जान को भी खतरा बना हुआ है।