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छोटे व्यापारी को GST रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं
Monday, October 2, 2023
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छोटे व्यापारी को GST रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं

कंपोजीशिन स्कीम में जाओ, जीएसटी में कुछ राहत पाओ, दुकान पर कंपोजिशन टैक्सपेयर लिखना अनिवार्य

छोटे व्यापारी को जीएसटी रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:छोटे व्यापारी को जीएसटी रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं हैं। ऐसे व्यापारी कंपोजीशन स्कीम में शामिल होकर जीएसटी के नियमों से राहत पा सकते है। पान मसाला, आइसक्रीम और तंबाकू उत्पादक इस स्कीम को नहीं चुन सकते हैं। राज्य से बाहर माल की बिक्री करने वालों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।

छोटे व्यापारी जो जीएसटी का नाम सुनकर डर जाते हैं, लेकिन उन्हें डरने की जरुरत नहीं है और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी कराने की आवश्यकता नहीं। इसके लिए जीएसटी कंपोजीशन स्कीम लाया है। इस स्कीम को जीएसटी ने कानून में शामिल किया है।

छोटे व्यापारी जो जीएसटी के दायरे में नहीं आते लेकिन उन्हें जीएसटी लेना अनिवार्य है तो वे कंपोजीशन स्कीम में पंजीयन कराने के बाद जीएसटी के नियमों से राहत पा सकते है। जीएसटी के लागू होने के बाद से भले व्यापारियों पर कामकाज का बोझ बढ़ा है, लेकिन सरकार के राजस्व में वृद्धि हुई है, वहीं करों की चोरी पर भी काफी हद तक नियंत्रण हुआ है।

सभी को छूट नहीं है

कंपोजीशन स्कीम को पान मसाला, आइसक्रीम और तंबाकू उत्पादक को नहीं चुन सकते हैं, जो व्यापारी अपने राज्य से बाहर माल की बिक्री कर रहे हैं वह भी इस स्कीम का फायदा नहीं ले सकते है। व्यापारी यदि एनआरआई या कैजुअल टैक्सेबल पर्सन की श्रेणी में आते हैं तो इस स्कीम का फायदा नहीं ले सकते हैं।

यदि आप उत्पादन या खरीद बिक्री कर रहे हैं तो बिक्री का एक परसेंट आपको जीएसटी का भुगतान करना होता है। रेस्टोरेंट्स (बिना एल्कोहल सर्व किए) का व्यापार कर रहे हैं तो आपको 5 फीसद जीएसटी लागू एवं अगर सर्विस दे रहे हैं तो आपके ऊपर 6 प्रतिशत जीएसटी लागू होता है।

जीएसटी की कंपोजिशन स्कीम क्या है?

कर सलाहकार पीके दास के अनुसार छोटे कारोबारियों को बार-बार रिटर्न दाखिल करने से राहत देने और रसीदों को इक_ा करने के झंझट से बचाने के लिए सरकार ने जीएसटी की कंपोजिशन स्कीम शुरू की है। कंपोजिशन अपनाने वाले व्यवसायियों को, अपने सभी लेन-देनों का अलग-अलग डिटेल नहीं देना पड़ता।अब इस तरह से समझें कि कोई व्यापारी की सालाना बिक्री अगर डेढ़ करोड़ से कम है तो आप कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं। यह निर्णय लेने से पहले कुछ जरूरी बातें का ध्यान रखना आवश्यक है।

तिमाही में सिर्फ एक ही रिटर्न फाइल

बता दें कि कंपोजिशन स्कीम में खरीद पर जो जीएसटी का भुगतान किया हुआ है, जिसे कानूनी भाषा में ‘आईटीसीÓ कहते हैं उसका कोई रिबेट इसमें नहीं मिलता है।

सबसे बड़ी सहूलियत कंपोजिशन स्कीम की यह है कि इसमें हर तिमाही सिर्फ में एक ही रिटर्न फाइल करना होता है और पूरे साल में सिफऱ् चार रिटर्न ही फाइल करने होते हैं। सभी दस्तावेजों पर एवं व्यापारिक दुकान के बोर्ड पर ‘कंपोजिशन टैक्सपेयर’ लिखना अनिवार्य है।

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