Friday, September 22, 2023
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जनहित याचिका दायर, दस्तावेज के लिए लोकायुक्त का रिमांइडर

मामला महाकाल महालोक में मूर्तियों के क्षतिग्रस्त का

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन। महाकाल महालोक में सप्तऋषियों की मूर्तियों के क्षतिग्रस्त होने का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। लोकायुक्त संगठन की तकनीकी टीम फाइबर रीइंफोर्स प्लास्टिक (एफआरपी) से निर्मित मूर्तियों के नमूने की जांच एडवांस मैटेरियल एवं प्रोसेस रिसर्च इंस्टीटयूट (एंप्री) की तैयारी में है। वहीं कार्य से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए लोकायुक्त ने स्मार्ट सिटी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (ईडी) का रिमाइंडर भेजा है।

करोड़ों की लागत से तैयार महाकाल महालोक की मूर्तियों के क्षतिग्रस्त होने के मामले में कांग्रेस के नेता केके मिश्रा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। कोर्ट में इस मामले की16 जून को सुनवाई होगी। याचिका में महाकाल लोक के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि मूर्तियों की जिस गुणवत्ता का दावा निविदा में किया था, उस गुणवत्ता की मूर्तियां नहीं लगाई गईं। याचिकाकर्ता मिश्रा ने बताया मूर्तियों के खंडित होने से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। याचिका में इस पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज से करवाने की मांग करते हुए जिम्मेदारों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज की गुहार भी लगाई गई है।

भेजना पड़ा रिमाइंडर

लोकायुक्त संगठन भोपाल के अधिकारी जांच प्रचलन में होने का हवाला देकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। लोकायुक्त संगठन के चीफ इंजीनियर एनएस जौहरी के अनुसार अभी जांच चल रहीं है। ऐसे में कुछ भी बताना उचित नहीं है। उधर लोकायुक्त संगठन ने स्मार्ट सिटी कंपनी उज्जैन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर को रिमाइंडर भेज कर महाकाल महालोक के निर्माण से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा है। दस्तावेज नहीं मिलने पर संगठन विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त के माध्यम से इन्हें जब्त भी कर सकता है। मूर्तियां गिरने के पहले से ही महाकाल लोक के निर्माण में गड़बड़ी की दो शिकायतों की लोकायुक्त जांच चल रही है। इसमें भी अभी तक सभी दस्तावेज स्मार्ट सिटी कंपनी ने लोकायुक्त संगठन को नहीं दिए हैं।

मूर्तियों की गुणवत्ता जांच एंप्री में होगी!

लोकायुक्त संगठन महाकाल मंदिर स्थित महाकाल महालोक में तेज हवा में गिरकर क्षतिग्रस्त हुईं सप्तऋषियों की मूर्तियों की गुणवत्ता जांच एडवांस मैटेरियल एवं प्रोसेस रिसर्च इंस्टीटयूट (एंप्री) भोपाल में कराने की तैयारी है। मामले की जांच के लिए उज्जैन पहुंची लोकायुक्त संगठन की तकनीकी टीम ने मूर्तियों के दो सैंपल लिए थे। मूर्तियां फाइबर रीइंफोर्स प्लास्टिक (एफआरपी) से बनी हुई थी। स्मार्ट सिटी कंपनी उज्जैन से मूर्तियों के निर्माण संबंधी सभी दस्तावेज मिलने के बाद जांच के लिए सैंपल भेजे जाएंगे।सैंपलों की जांच में यह पता चलेगा कि मूर्तियों का निर्माण निविदा की शर्तों और स्थापना निर्धारित मापदंडों के अनुसार हुई थी या नहीं। उनकी ऊंचाई और बेस (जहां स्थापित की गई थीं) मानकों के अनुरूप था या नहीं।

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