108 एंबुलेंस सेवा के अधिकारी करते हैं मरीजों का सौदा
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन 108 एम्बुलेंस के अधिकारियों द्वारा जिला अस्पताल परिसर के पुराने शिशु वार्ड के कमरों का उपयोग करने के साथ ही शराब की बोतल रखने और रात में पार्टी करने का वीडियो सामने आने के बाद चौकाने वाली जानकारी उजागर हो रही हैं। इसमें 108 एंबुलेंस सेवा के अधिकारी, शहर के चुनिंदा अस्पतालों के स्टाफ की मिलीभगत हैं। उपचार के लिए मरीज को निजी अस्पताल में ले जाने के लिए आपस में सौदा तय कर बड़ा कमीशन वसूलते हैं।
108 एंबुलेंस सेवा का संचालन करने वाली जय अंबे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कतिपय अधिकारी मरीजों को निजी अस्पतालों में भर्ती कराने का सौदा करते है। सूत्रों के अनुसार विशेष परिस्थिति में मरीज को निजी अस्पताल में में जाने की दी गई छूट का कंपनी के अधिकारी फायदा उठा रहे है। इसमें निजी अस्पतालों के तथाकथित लोग भी शामिल है,जो बड़े प्रलोभन और कमीशन का लालच लेकर 108 एंबुलेंस सेवा के माध्यम से मरीजों को अपने अस्पतालों में भर्ती करा लेते है। मरीजों को खास अस्पताल में ले जाने के लिए वाहन स्टाफ पर नौकरी से हटाने दबाव बनाया जाता है।
छूट का फायदा उठाया
निजी अस्पताल में में जाने की दी गई छूट का कंपनी ने फायदा उठा था। बताया जाता है कि जय अंबे कंपनी ने निजी अस्पतालों से अनुबंध करने का काम एक निजी कंपनी को दिया था। यह कंपनी एक वर्ष के लिए निजी अस्पतालों से रुपये ले रही थी। रुपये लेने के बाद संबंधित अस्पताल की जानकारी 108 एंबुलेंस वाहन में लगे सिस्टम के स्क्रीन पर दिखाई देती थी। यदि मरीज संबंधित अस्पताल क्षेत्र का होता था,तो उसे उस निजी अस्पताल पहुंचाया जाता था। इसमें मरीजों को चूना लग रहा था। निजी अस्पतालों की कमाई होती थी।
मामला उजागर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) मप्र इकाई की जांच में सच साबित हुई है। इसके बाद एनएचएम ने जय अंबे कंपनी को आगे ऐसा करने पर टेंडर निरस्त कर करने की चेतावनी दी। इसके बाद जय अंबे कंपनी ने यह काम बंद कर दिया,लेकिन जिलों में पदस्थ जय अंबे कंपनी अधिकारियों ने इस का फायदा अपने स्तर पर लेने के निजी अस्पतालों के अधिकारियों से मिली भगत कर ली।
उज्जैन शहर के कई निजी अस्पताल के अघोषित अधिकारियों ने जय अंबे कंपनी अधिकारियों से सौदेबाजी के लिए तालमेल कर लिया है। मामले में कंपनी को शिकायत करने पर नौकरी से हटाए गए 108 एंबुलेंस वाहन के एक कर्मचारी ने बताया कि 108 एंबुलेंस सेवा के अधिकारी मरीजों का सौदा करते हैं। जहां से बड़ा कमीशन मिलता है मरीज को उस अस्पताल में भेजते हैं। विरोध करने पर नौकरी से हटाने की धमकी दी जाती है।
प्रतिमाह की वसूली
108 एंबुलेंस सेवा का संचालन करने वाली जय अंबे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अधिकारियों पर 108 एंबुलेंस स्टाफ से अवैध वसूली के आरोप भी है। 108 एंबुलेंस वाहन के एक कर्मचारी ने बताया कि एंबुलेंस चार कर्मचारियों का स्टाफ (दो चालक-दो पैरामैडिकल कर्मचारी) तैनात रहता है। इनसे प्रतिमाह अवैध वसूली की जाती है। प्रति व्यक्ति 500 रु. के हिसाब से 2000 रु.प्रतिमाह लिया जाता है। ऐसा नहीं करने वाले कई लोगों को नौकरी से हटाया जा चुका है। अवैध वसूली की संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) मप्र इकाई से की गई है। (इस शिकायत की प्रति अक्षरविश्व के पास सुरक्षित)
शिकायत और तथ्य मिलने पर कार्रवाई की जाएगी…
इस संबंध सीएचएमओ डॉ.संजय शर्मा से संपर्क करने पर,उन्होंने कहा कि मुझे किसी मामले और शिकायत की कोई जानकारी नहीं है। मैं अवकाश पर हूं। सीएचएमओ का प्रभारी डॉ.केसी परमार के पास है। आप डॉ.परमार से बात करें। डॉ.परमार का कहना है कि ऐसा कोई मामला मेरी जानकारी में नहीं आया है। शिकायत और तथ्य मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
सभी मामलों की जांच हो रही है। जांच के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है। जहां तक वीडियो सामने आने का मसला है,तो संबंधित व्यक्ति को पद से हटा दिया गया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। कंपनी के मुख्यालय को भी अवगत कराया जा रहा है।
तरूणसिंह परिहार, प्रभारी
जय अंबे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी।