Friday, September 22, 2023
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जान जोखिम में डाल निकाल रहे है छत्ते से शहद…

आसपास के क्षेत्रों में ढूंढकर शहद संग्रहित करता है सलमान खान….

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन। मधुमक्खी के छत्तों में तैयार प्राकृतिक शहद को हाथों से निकालकर संग्रहित करने के बाद उसे आवाज लगाकर गली-गली बेचने का काम शहर का एक युवा पिछले कई वर्षों से कर रहा है। सलमान खान नाम का यह शहद संग्राहक एक दिन में १० से १५ किलो शहद घूम-घूमकर बेच देता है।

चर्चा में सलमान खान ने बताया कि वह पुराने शहर के सदावल क्षेत्र में रहता है। छोटी उम्र से ही उसने मधुमक्खी के छत्तों से शहद निकालना उसने अपने बड़े भाई शाहरूख खान से सीख लिया था। तब से लेकर अब तक वह सुबह सबसे पहले मधुमक्खी के छत्तों की तलाश करता है फिर उससे शहद निकालता है। इसके उपरांत वह अपने कंधे पर एक डंडे में शहदभरी बाल्टी लटकाकर शहर की सड़कों और गलियों में शहद लो कि आवाज देते हुए बेचने निकल पड़ता है। वर्तमान में वह १२०० रुपये प्रति किलो के भाव से शहद बेच रहा है।

जलाता नहीं सिर्फ धुंआ करता हूं

सलमान ने बताया कि कोठी रोड़ तथा आसपास के क्षेत्रों में वह मधुमक्खी के छत्ते तलाश कर उन्हें शहद निकालते समय जलाना नहीं। वह सिर्फ मधुमक्खियों को भगाने के लिए धुंआ कर हाथ से शहद निकालता है। सलमान ने यह भी बताया कि छत्ता जब शहद से पूरी तरह से भरा हो, तब शहद निकालना चाहिए। पहले से निकालने पर पानी ज्यादा होता है और शहद का स्वाद अच्छा नहीं होता। यदि छत्ते के बीच के हिस्से चाकू से चीर दिया जाए, तो 15 दिन में शहद फिर तैयार हो जाता है।

बारिश के चार महीने छूटते है

उन्होनें बताया कि शहद को सभी धर्मों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। शहद का सेवन स्वास्थ्य के लिए उत्तम दवा है। निरोगी काया के लिए शहद का सेवन जरूरी है। जंगल के शहद में शुद्धता व गुणवत्ता होती है। सलमान के अनुसार वर्ष में बारिश के चार महीने छोड़कर शेष आठ महीने शहद मिलता है। अप्रैल, मई, जून शहद निकालने का सही समय रहता है।

कई भवनों से छत्ते निकाले…

शहद संग्राहक सलमान ने बताया कि वह केवल छत्तों से शहद निकालकर बेचता ही नहीं बल्कि ऑर्डर मिलने पर विभिन्न संस्थानों और लोगों के घरों पर लगे मधुमक्खी के छत्तों को निकालने का काम भी करता है। दो साल पहले उसने मातृ-शिशु चरक अस्पताल भवन पर लगे मधुमक्खी के १० छत्ते निकाले थे। इसके एवज में उसे १० हजार रुपये मिले थे। उन्होंने यह भी बताया कि छत्ते से शहद निकालते वक्त कई बार मधुमक्खियां काटती भी है। लेकिन बगैर उपचार के दो दिन बाद सूजन उतर जाती है और दर्द भी नहीं रहता।

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