जिला अस्पताल की आयसीयू निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप..!
मरीजों के ऊपर टपक रहा बारिश का पानी, दवाईयां भी भीग गई, पेरा मेडिकल स्टॉफ परेशान
बाल्टी, तकारी, बर्तन रखकर बचा रहे जमीन को गिला होने से
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:जिला अस्पताल की आयसीयू को लाखो रूपए खर्च करके पुन: बनाने का मामला अब जांच के घेरे में आ गया है। पूर्व से ही इस आयसीयू के निर्माण के वक्त आरोप लगते रहे थे। अब सिविल सर्जन ने भी मोर्चा खोल दिया है। उनके अनुसार हद हो गई…अब तो मरीजों पर छत से पानी टपक रहा है। आखिर लाखो रूपए कहां खर्च कर दिए..? आरोप लगाया कि संबंधित विभाग के ईई फोन तक रिसिव नहीं कर रहे हैं।
जिला अस्पताल में गत वर्ष राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन,भोपाल से लाखो रूपए की मद जिला अस्पताल की आयसीयू के जीर्णोद्वार,नवीन रूप देने के लिए आया था। उस समय सिविल सर्जन डॉ.पी.एन.वर्मा ने दावा किया था कि यहां की आयसीयू अन्य शासकीय अस्पतालों से भी अच्छी होगी। हालांकि निर्माण कार्य के दौरान ही आयसीयू निर्माण में भ्रष्ट्राचार के आरोप लगते रहे थे। इस बात की पुष्टी स्वयं डॉ.वर्मा ने भी समय-समय पर की। साथ ही कहाकि ठेकेदार द्वारा अनियमित काम किया जा रहा है। पूर्व में लगी टाईल से लेकर अन्य मटेरियल का भी उपयोग किया जा रहा है। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई।
यह है वार्ड के ताजा हालात
इस प्रतिनिधि को आयसीयू का हाल बताते हुए सिविल सर्जन डॉ.पी.एन.वर्मा ने कहाकि आयसीयू की छत से पानी बेड पर और वार्ड में टपक रहा है। स्टोर रूम तथा डॉक्टर चेंबर के भी यही हाल है। आयसीयू में 11 पलंग है। पानी टपकने के कारण 8 कर दिए हैं। फिर भी अन्य पलंगों के समीप पानी टपकना बंद नहीं हुआ है।
इसकी सूचना कलेक्टर को भी दे दी है। दिवारों तथा वॉशरूम के हालात भी सिविल सर्जन ने बताए और कहाकि न तो ठेकेदार सुन रहा है ओर न ही ईई गौर फोन उठाते हैं। पिछले सात दिनों से उन्हे फोन कर रहे हैं। यदि वे रिसिव्ह कर लें तो उन्हे यहां बुलाकर यहां के हालात दिखा दें। इस प्रतिनिधि ने भी श्री गौर को मोबाइल फोन किया,उन्होने रिसीव नहीं किया।
परिजनों ने लगाए आरोप
मरीजों के परिजनों के आरोप है कि जमीन पर चिकनी सस्ती टाइल लगा दी। छत से पानी टपकता है तो जमीन पर दिखता नहीं है। मरीज शौचालय जाता है तो फिसल जाता है। परिजन आते हैं तो फिसल जाते हैं। पेरा मेडिकल स्टॉफ भी गिरता रहता है। यदि किसी को हड्डी में या शरीर पर चोंट आ गई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? उपस्थित एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने बताया कि साहब उपर छत पर सरिये सड़ गए,वहां कोई काम नहीं किया,माल तक नहीं बिछाया। अंदर ही अंदर चिकना-चुपड़ा कर दिया। अब आप ही बताओ, पानी रूकेगा कैसे?