अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन।’एक देश-एक कर’ के नारे के साथ लागू कर प्रणाली जीएसटी को लेकर व्यवसायियों के साथ कानून की पेचीदगियों से कर विशेषज्ञ परेशान थे। 31 मार्च को पहली बार जीएसटी में एमिनेस्टी स्कीम के साथ राहत की घोषणा हुई। इसमें सवा दो लाख रुपये की पेनाल्टी को 20 हजार कर दिया गया। आने वाले दिनों में राहत जारी रहने की उम्मीद है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 31 मार्च को नोटिफिकेशन जारी किया
जुलाई 2017 के पहले दिन से देशभर में एकीकृत कर प्रणाली जीएसटी लागू हुई थी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआइसी) ने 31 मार्च को नोटिफिकेशन जारी किया। कर सलाहकार पीके दास के अनुसार नोटिफिकेशन में एमिनेस्टी स्कीम के रूप में छह प्रमुख बिंदुओं पर राहत दी गई है।
खास बात यह है कि पांच साल पहले के मामलों में भी राहत मिल सकेगी। कैंसल हुए पंजीयन बहाली के साथ ही 2017 से अब तक भी यदि कोई कारोबारी रिटर्न भरने से चूक गया है तो उसे भी रिटर्न दाखिल करने का मौका दिया गया है। इससे भी बढ़ी बात यह है कि पुराने रिटर्न के दाखिले पर लगने वाली लेट फीस में भी भारी छूट दे दी गई है।
वार्षिक रिटर्न पेनल्टी 25 प्रतिशत
एमिनेस्टी स्कीम के अनुसार वर्ष 17-18 के रिटर्न का हिसाब लगाया जाए तो नियम के अनुसार व्यवसायी को आज रिटर्न दाखिल करने पर 2 लाख 30 हजार लेट फीस टैक्स और ब्याज के अतिरिक्त चुकानी होती। इस लेट फीस को 20 हजार कर दिया गया है। इतना ही नहीं वार्षिक रिटर्न दाखिल करने में होने वाली देरी पर भी पेनल्टी 25 प्रतिशत कर दी है। वर्तमान 200 रुपये प्रतिदिन की पेनल्टी लगती है
किंतु वित्तीय वर्ष 2022-23 से इस पेनल्टी को पांच करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यवसायियों के लिए 50 रुपये प्रतिदिन और पांच करोड़ से 20 करोड़ तक टर्न ओवर वाले व्यवसायियों के लिए 100 रुपये कर दी गई है। इससे ज्यादा टर्नओवर होने पर ही 200 रुपये पेनल्टी लगेगी। स्पष्ट नजर आ रहा है कि सरकार छोटे-मध्यम व्यापारियों तक ज्यादा से ज्यादा राहत पहुंचाना चाह रही है। आसार है कि जीएसटी काउंसिल की अगली बैठकों में भी अब राहत देने वाले निर्णय ही लिए जाएंगे।