तेल, बेसन, आटा, शकर से लेकर साबुन-सोडा तक पहुंचा घर…
अक्षरविश्व प्रतिनिधि .उज्जैन। केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में प्रहरियों के खातों से करोड़ों रुपयों के गबन तक भ्रष्टाचार सीमित नहीं है। यहां के अफसर तो जेल के कैदियों का राशन तक डकार गये हैं जो अब तक एसआईटी की जांच में शामिल नहीं हुआ है।
जेल से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यालय भोपाल द्वारा जेलों में बंद कैदियों के चाय नाश्ते से लेकर भोजन तक लगने वाले किराना सामान का वार्षिक टेंडर किया जाता है। ठेकेदार द्वारा जेल में जरूरत के मुताबिक सामान की आपूर्ति की जाती है।
जेल के अफसरों ने इसी किराना सामान को भी अपने घरों में रखवा लिया और उपयोग किया। जेल सूत्रों ने बताया कि अफसरों ने बंदियों का भोजन बनाने के लिये ठेकेदार के माध्यम से आने वाले तेज, बेसन, आटा, शकर से लेकर साबुन व सोड़ा भी अपने घर में उपयोग कर लिया। इस भ्रष्टाचार को अभी एसआईटी ने अपनी जांच में नहीं लिया है वहीं जेल के बंदियों को अपने हिस्सा का राशन अफसरों द्वारा डकार लिये जाने के बाद निम्न गुणवत्ता का भोजन करना पड़ रहा है।
प्रहरियों का वेतन अटका
जेल गबन कांड उजागर होने के बाद अनेक प्रहरियों के बैंक खातों में गड़बड़ी और मोबाइल नंबर हट जाने के कारण ट्रेजरी द्वारा दो माह से वेतन उनके खातों में नहीं डाला गया है। बताया जाता है कि आने वाले दिनों में प्रहरियों का वेतन उनके खातों में डलेगा।
इनका कहना
जेल में बनने वाले भोजन के राशन की सप्लाय भोपाल मुख्यालय से नियुक्त ठेकेदार द्वारा की जाती है। ठेकेदार जेल के अलावा दूसरे लोगों को भी सप्लाय कर सकता है। हो सकता है जेल अफसरों ने उससे अपने घर का सामान भी मंगाया हो जो भ्रष्टाचार की श्रेणी में नहीं आता। यदि जेल का राशन अफसरों के घर गया है तो यह भ्रष्टाचार है।
सुनील शर्मा, जेलर, केन्द्रीय जेल भैरवगढ़