अक्षरविश्व प्रतिनिधि .उज्जैन। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के तरीके हाईटेक करने के लिए जिले और शहर के शिक्षकों को भी हाईटेक बनाया जा रहा है। इसके लिए सभी को टैबलेट के लिए शिक्षा विभाग पैसा भी दे रहा लेकिन अधिकतर शिक्षक टैबलेट लेना ही नहीं चाह रहे। जिले में ऐसे करीब 88 फीसदी शिक्षक हैं।
सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई टैबलेट के माध्यम से कराने के लिए पहली से कक्षा पांचवी तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए प्रदेश भर के 1 लाख 72 हजार शिक्षकों को 10 हजार रुपए तक का टैबलेट खरीदना है। राज्य शिक्षा केंद्र ने अभी राशि का भुगतान नहीं किया है। जब शिक्षक टैबलेट खरीद कर रसीद विभाग के पोर्टल पर अपलोड करेंगे, उसके बाद उन्हें राशि का भुगतान किया जाएगा।
उज्जैन सहित प्रदेश के अधिकतर जिलों में शिक्षक टैबलेट लेने में रुचि नहीं ले रहे। सभी शिक्षकों को टैबलेट लेना अनिवार्य है और नहीं लेने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है लेकिन इसका भी असर नहीं हो रहा। सरकार ने 15 मार्च तक टैबलेट लेना अनिवार्य किया था। शिक्षकों ने रुचि नहीं ली तो 10 दिन की और मोहलत देकर 25 मार्च आखिरी तारीख की लेकिन अब भी जिले के 300 से ज्यादा शिक्षकों ने टैबलेट लेने में रुचि नहीं ली। उज्जैन शहर में ही ऐसे शिक्षकों की संख्या सवा सौ से ज्यादा है।
नोटिस ही नहीं… इसलिए भी बेफिक्री
टैबलेट खरीदने की आखिरी तारीख के बाद भी जिन शिक्षकों ने अब तक नहीं खरीदे, उनको विभाग की ओर से नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण भी नहीं लिए गए हैं। इस कारण भी टैबलेट न खरीदने वाले शिक्षक बेफिक्र हैं।
गांव के शिक्षकों में ज्यादा रुचि…
अब तक जो आंकड़े सामने आए हैं उसके अनुसार गांव के शिक्षकों में टैबलेट खरीदने की रुचि ज्यादा है। उज्जैन शहर के 360 शिक्षकों में से 175 का पंजीयन हुआ और 128 की ही एप्लीकेशन आई। उज्जैन ग्रामीण के 398 शिक्षकों में से 295 का पंजीयन हुआ और 249 ने रुचि दिखाई।