राजस्व को जमीन हस्तांतरित होते ही भू-माफियाओं ने काटे थे 5700 पेड़
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन। भैरवगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम कोलूखेड़ी स्थित राजस्व विभाग की शासकीय भूमि पर लगे 5700 पेडों की भू माफियाओं ने हत्या कर दी। खास बात यह कि भू माफियाओं को इस बात की पूरी जानकारी थी कि वन विभाग के कब्जे वाले जमीन अब राजस्व विभाग को हस्तांतरित हो चुकी है ऐसे में पेड़ों की हत्या करने पर फारेस्ट एक्ट नहीं बल्कि सार्वजनिक संपत्ति नुकसान की धाराओं में केस दर्ज होगा।
ग्राम कोलूखेड़ी भाग 2, 4, 5 वृक्षारोपण क्षेत्र उज्जैन की राजस्व विभाग की जमीन पर लगे 5700 पेड़ों को भू माफिया राजेश पिता नानूराम सिंदल, हीरालाल, ओमराम व लक्ष्मण जाट ने 17 जून को जेसीबी की मदद से काट दिया था। मामले में वन रक्षक अंतरसिंह पिता विजय सिंह चौहान निवासी ग्राम मंगरोला चिंतामण गणेश ने भैरवगढ़ थाने में उक्त लोगों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3, 4 के तहत केस दर्ज कराया। इस मामले में पुलिस अभी तक फरियादी के बयान लेकर पंचनामा भी नहीं बना पाई है।
पेड़ों सहित जमीन हस्तांतरित की थी
ग्राम कोलूखेड़ी की शासकीय जमीन पर पौधारोपण और उनकी देखभाल के लिये शासन द्वारा वन विभाग के सुपुर्द किया गया था। वन विभाग ने वर्ष 2018 में जमीन प्राप्त होने के बाद उस पर 5700 पौधे लगाये। जिसकी देखभाल प्लांटेशन प्रभारी अंतर सिंह ने की और अवधि पूरी होने के बाद उक्त जमीन को मार्च 2023 में राजस्व विभाग के सुपुर्द कर दिया गया। भू माफियाओं को इस बात की पूरी जानकारी थी कि वन विभाग के कब्जे वाली जमीन पर पेड़ काटे जाएंगे तो जेल और लंबी सजा होगी इस कारण उन्होंने वन विभाग से उक्त जमीन राजस्व विभाग को हस्तांतरित होते ही जमीन पर कब्जे की नीयत से उस पर लगे 5700 पेड़ जेसीबी की मदद से काट डाले और हुआ भी वही, राजस्व विभाग ने भैरवगढ़ थाने में ऐसी धाराओं में केस दर्ज कराया जिसमें गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं पुलिस द्वारा सिर्फ नोटिस दिया जाता है।
ग्राम कोलूखेड़ी भाग 2, 4, 5 वृक्षारोपण क्षेत्र में लगे 5700 पेडों को काटने की जानकारी वनरक्षक द्वारा दी गई तो राजस्व विभाग को पत्र लिखकर इससे अवगत कराया गया था। उन्हीं के द्वारा भैरवगढ़ थाने में केस दर्ज कराया गया है। उक्त जमीन वृक्षारोपण के लिये शासन द्वारा वन विभाग को दी गई थी जिसे मार्च 2023 में पुन: राजस्व विभाग को हैंडओवर कर दिया गया है। पौधों की देखभाल और बड़ा करने में वन विभाग को आये खर्च और पेड़ काटने से नुकसान की राशि की जानकारी भी दी गई है। भू माफियाओं ने वन विभाग की जमीन के पेड़ नहीं काटे अन्यथा इंडियन फारेस्ट एक्ट के तहत उन्हें जेल पहुंचाने के साथ ही जेसीबी भी राजसात कर दी जाती।
सुश्री बिसेन,
डीएफओ उज्जैन
जेसीबी हमने कब्जे में ले ली है
भैरवगढ़ थाना प्रभारी प्रवीण पाठक ने बताया कि वन विभाग द्वारा कोलूखेड़ी में पेड़ों की कटाई करने वाली जेसीबी को अपने कब्जे में ले लिया था। थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद वन विभाग ने जेसीबी तुरंत जब्त नहीं कराई थी। अब पुलिस द्वारा उक्त जेसीबी जब्त करने के साथ ही जांच शुरू कर दी गई है।