करोड़ों की जमीन का मामला, सोसायटी के अध्यक्ष दर्ज कराएंगे आपत्ति
तक्षशिला स्कूल की जमीन बेचने की तैयारी से हलचल
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:हमेशा सुर्खियों में रहा तक्षशिला स्कूल बंद होने के बाद इसकी जमीन बेचने की तैयारी से नई हलचल मच गई है। जमीन का सौदा कर दिया गया है और रजिस्ट्री की भी तैयारी की जा रही है। ऐसे में जमीन जिस सोसायटी के नाम से दर्ज है, उसके मौजूदा अध्यक्ष ने सवाल खड़ा किया है कि सोसायटी की जमीन प्रशासन की अनुमति बिना कैसे बेची जा सकती है।
इंदौर रोड पर शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता निरस्त करने के बाद से तक्षशिला स्कूल बंद है। पिछले अप्रैल में इसे बंद कर दिया गया था। स्कूल साइंस फॉर रूरल डेवलपमेंट सोसायटी द्वारा चलाया जाता था। सोसायटी के नाम से करीब 14 बीघा जमीन है। सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. केएम गुप्ता ने बताया उनकी अनुमति के बिना ही बाले बाले जमीन का सौदा कर दिया गया है, जो अवैधानिक है। वे इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे।
इसकी तैयारी कर ली है। उन्होंने बताया सोसायटी की जमीन को बिना प्रशासन की अनुमति के बेचा नहीं जा सकता। हाईकोर्ट ने हाल ही में एक आदेश जारी कर नई कार्यकारिणी के पक्ष में आदेश दिया है। वे इसके अध्यक्ष हैं। इस कारण सोसायटी की जमीन को बेचने का अधिकार और किसी के पास नहीं है। मामले में वी गणेशन से संपर्क नहीं हो सका।
इसलिए मची हलचल
डॉ. गुप्ता के इस खुलासे से जमीन को लेकर हलचलें बढ़ गई हैं, क्योंकि चर्चा है कि जमीन खरीदने वालों में पर्दे के पीछे बड़े रसूखदार भी हैं। वर्तमान में यह जमीन मौके की हो गई है और करोड़ों रुपए की हो गई है।
स्कूल की जमीन को कृषि की बताकर बेचने का एग्रीमेंट कर जाहिर सूचना जारी की गई है। यह साइंस फॉर रूरल डेवलपमेंट सोसायटी के नाम की है और वे इसके वर्तमान में अध्यक्ष हैं। इसे उनकी अनुमति बिना बेचा नहीं जा सकता। वे जल्द ही आपत्ति दर्ज कर दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे। डॉ. डॉ. केएम गुप्ता, साइंस फॉर रूरल डेवलपमेंट सोसायटी
स्कूल की संपत्ति पर एक नजर
तक्षशिला जूनियर कॉलेज नाम के स्कूल की जमीन सर्वे नंबर 98 में 2.414 हेक्टेयर है।
इसी तरह सर्वे नंबर 100 में 0.251 हेक्टेयर जमीन है।
इस तरह कुल 2.665 हेक्टेयर जमीन तहसील उज्जैन और ग्राम मंडिया में है।
स्कूल के प्रिंसिपल रहे सचिव वी गणेशन ने इसका सौदा किया है।
वी गणेशन के साढू भाई और वर्तमान में सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. केएम गुप्ता का दावा है कि यह पूरी जमीन सोसायटी की है। जो बेची नहीं जा सकती।
डॉ. गुप्ता का दावा है कि सर्वे नंबर 100 भी गलत बताया गया है जबकि इसका बटांकन हो चुका है।