बड़ा सवाल- घटना के बाद भी जिम्मेदारों ने नहीं की कोई कार्रवाई
अक्षरविश्व प्रतिनिधि .उज्जैन। माधव क्लब रोड स्थित दवा बाजार प्रशासनिक लापरवाही व अव्यवस्थाओं की वजह से बड़े हादसे की छोर पर खड़ा है, क्योंकि यहां फायर सेफ्टी सिस्टम यानी आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम ही नहीं है। खास बात यह है कि हादसा होने के बाद निगम के अधिकारियों द्वारा जांच के नाम पर बड़े-बड़े दावे तो किए गए हैं, लेकिन कोई कारगर कदम आज तक नहीं उठाया।
गौरतलब है कि शनिवार सुबह करीब 7 बजे शार्ट सर्किट की वजह से दवा बाजार में आग लग गई थी। इससे बाजार व व्यापारियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने लगे हैं। हालात यह है कि पूरे बाजार में बिजली के तार हर तरफ झूलते रहते हैं। आए दिन शार्ट सर्किट की समस्या बनी रहती है। इसके अलावा बाजार में आग लगने पर घटनास्थल तक पहुंचने के लिए सुगम रास्ता भी नहीं है। छोटी व संकरी गलियों में फायर ब्रिगेड समेत बड़े वाहन जल्दी नहीं पहुंच पाते हैं। दवा बाजार के जिम्मेदारों ने भी इस संबंध में शुरू से ही पल्ला झाड़ रखा है। बाजार की फायर एनओसी भी नहीं है। आग से बचाव के संसाधन भी नहीं है। ऐसे में बाजार के ३०० दुकानदारों से लेकर आसपास के रहवासियों में भी अब भय का माहौल बना हुआ है।
जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति
कोई भी आवासीय और कमर्शियल बिल्डिंग रहने लायक है या नहीं, उसमें फायर सेफ्टी के मानकों को पूरा किया गया है या नहीं। यह देखने की जिम्मेदारी निगम के फायर विभाग की होती है। लेकिन आग की घटना होने पर अधिकारी जांच और कार्रवाई का दावा तो करते है, लेकिन कुछ समय बाद जांच ठंडे बस्ते में चली जाती है। शहर में फायद के मानकों को दरकिनार कर बने कोचिंग सेंटर, अस्पताल, बाजार इस बात के प्रत्यक्ष उदाहरण हैं।
हादसे से भी नहीं ले रहे सबक
बता दें कि माधव क्लब रोड स्थित दवा बाजार फायर के तय मानकों की अनदेखी कर संचालित हो रहा है। बाजार में रोजाना करोड़ों रुपए का कारोबार होने के साथ 20 से 25 हजार लोगों का आना जाना बना रहता है। कारोबारियों के अनुसार बाजारों में ना फायर सेफ्टी के इंतजाम और ना ही आग से बचाव के लिए पर्याप्त संसाधन हैं। जबकि इसे लेकर शासन स्तर पर कई बार आदेश भी हो चुका है। उधर, कुछ दुकानों के पर अग्निशमन यंत्र रखे तो हैं, लेकिन जब इनकी जरूरत पड़ती है, ये काम नहीं करते हैं क्योंकि नगर निगम के फायर एंड सेफ्टी विभाग द्वारा इनकी समय-समय पर जांच नहीं की जाती है।
कार्रवाई का अधिकार नहीं
ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि नगर निगम डायरेक्ट कोई कार्यवाही करें। इस मामले में प्रारंभिक तौर पर झोन स्तर पर जांच होगी। पड़ताल में देखा जाएगा कि दवा बाजार में आग बुझाने के संसाधन क्यों नहीं थे। फायर एनओसी भी क्यों नहीं ली गई थी। विजय गोयल, प्रभारी फायर ऑफिसर