दशामाता: परिवार की खुशहाली के लिए महिलाओं ने किया पूजन
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन।चैत्र माह की दशमी पर दशामाता के पूजन और व्रत का विधान हैं। शुक्रवार को महिलाओं ने घर-परिवार की खुशहाली के लिए दशामाता का पूजन किया। पीपल के नीचे माता की पूजा-अर्चना के बाद व्रत करने के साथ सूत की वेल धारण कर परिवार की दशा सुधारने की प्रार्थना की।
दशमी पर सुख व समृद्घि की कामना को लेकर सुहागिन महिलाओं ने पीपल के पेड़ की पूजा कर माताजी को आटे से बने आभूषण अर्पित किए। गीत गाते हुए पीपल की परिक्रमा कर सूत के धागे को पीपल के चारों ओर लपेटा, वहीं अनेक महिलाओं ने अन्न के दानों के साथ पीपल की परिक्रमा की।
माताजी को भोग लगाकर गले में वेल (धागा) धारण किया। चावल, लप्सी, कड़ी का माताजी को भोग लगाकर ग्रहण किया। मान्यता है कि जब मनुष्य की दशा ठीक होती है, तब उसके सब कार्य अनुकूल होते हैं किंतु जब यह प्रतिकूल या खराब होती है तब अत्यधिक परेशानी होती है।
इसी दशा को दशा भगवती या दशा माता कहा जाता है। घर-परिवार की दशा अच्छी होने के साथ खुशहाली बनी रहे, इसके लिए दशा माता की पूजा तथा व्रत करने का विधान है। पूजन करने से दशा माता प्रसन्न होती है तथा हर मनोकामना पूरी करती है। यह भी मान्यता है कि दशा माता के पूजन उपरांत पीपल के वृक्ष की छाल को स्वर्ण के रूप में घर लाकर तिजोरी में रखने से वर्षभर सुख समृद्धि बनी रहती है।
चुनाव के लिए दोनों ही प्रत्याशियों द्वारा अलग-अलग पार्टियां तो आयोजित की जा रही है। निजी स्तर पर भी समर्थन के लिए मेहनत कर रहे हैं। इसके लिए मतदाताओं के समाज, कार्यक्षेत्र, सगे संबंधियों, मित्रों से संपर्कों के आधार पर अपने लिए समर्थन मांग रहे हैं। राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों के जरिए समर्थन मांगने की रणनीति पर काम किया जा रहा है।