तनाव आजकल मनुष्यों के जीवन का हिस्सा बन चुका है। छोटे से छोटे बच्चों को भी तनाव रहता है तो फिर बड़ों के जीवन में तो आए दिन कितनी ही समस्याएं आती-जाती रहती हैं। तनाव किसी भी समस्या का हल नहीं हो सकता है बल्कि आप यदि तनाव में हैं तो कभी भी किसी समस्या का हल नहीं खोज सकेंगे।
तनावरहित मस्तिष्क बेहतर ढंग से विचार कर सकता है इसलिए आवश्यक है कि है कि हम दिमाग को विचारों के भार से दबे हुआ न रखते हुए हल्का रखें। यदि यह आपको खुद से करना असंभव लगता है तो आप योग का सहारा ले सकते हैं। अगली स्लाइड्स से जानिए किस प्रकार योग करने से आप अपने दिमाग को शांत रख सकते हैं।
उत्तानासन
उत्तानासन मानसिक शांति के लिए किया जाता है। इसे करने के लिए सबसे पहले खड़े हो जाएं। दोनों पांवों को मिलाकर नीचे की ओर झुकें। नीचे झुकते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आपके दोनों पांव मुड़ न रहे हों। हाथों से जमीन को छूने का प्रयास करें। लंबी-गहरी सांस का अभ्यास करते हुए पूरा ध्यान अपने मस्तिष्क पर केंद्रित करें। ऐसा लगभग 25 से 30 सेकंड तक करें और प्रतिदिन करें।
पद्मासन
पद्मासन को लोटस पोज भी कहा जाता है। पद्मासन में बैठने के बाद मनुष्य की आकृति कमल समान दिखाई देती है इसलिए इसे कमल आसन भी कहते हैं। पुराने समय में ध्यान करने से पहले ऋषि- मुनि भी इस आसन में बैठना पसंद करते थे क्योंकि इसे करने से चित्त भटकता नहीं है। सामान्य आलती-पालती मारकर बैठ जाइए और पैरों को एक- दूसरे पांव की जांघ पर क्रॉस करके बैठें और आंख बंदकर लंबी-गहरी श्वास लें।
भ्रामरी प्रणायाम
यदि आपका दिमाग अक्सर अशांत रहता है, आप किसी भी विषय में बहुत अधिक सोचने लगते हैं तब तो आपको भ्रामरी प्रणायाम करना ही चाहिए। भ्रामरी प्रणायाम को करने के लिए आप आलती-पालती मारकर सीधे बैठें। अब आंख और मुंह बंद करके लंबी-गहरी सांस लें। सांस छोड़ते वक्त दोनों कानों को बंद कर लें। आप इस प्रणायाम को 10 से 15 बार करें।
ताड़ासन
ताड़ासन करने से भी दिमाग शांत रहता है। ताड़ासन करने से सिर्फ दिमाग की ही नहीं बल्कि पूरे शरीर की कसरत भी हो जाती है। यह बहुत आसान भी होता है इसलिए इसका अभ्यास तो प्रतिदिन सुबह करना ही चाहिए। इसे करने के लिए सीधा खड़े हो जाएं, हाथों को आसमान की ओर करते हुए एक-दूसरे में इंटरलॉक करें और फिर पंजों पर खड़े होते हुए शरीर को ऊपर की ओर खींचें। ऐसा करने से आपको बहुत अच्छा महसूस होगा।