Monday, December 4, 2023
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दिसंबर 2022 तक अनाधिकृत कॉलोनियों होगी वैध, नियम में संशोधन

अवैध कॉलोनियों में रहने वालों को मिलेगी बड़ी राहत

दिसंबर 2022 तक अनाधिकृत कॉलोनियों होगी वैध, नियम में संशोधन

निम्न आय वर्ग से नहीं लिया जाएगा विकास शुल्क, शेष अन्य से 50 प्रतिशत राशि ली जाएगी

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:अवैध कॉलोनियों में रहने वालों के लिए सरकार ने बड़ी राहत देने का निर्णय लिया है। इसके लिए मध्य प्रदेश नगरपालिका कॉलोनी विकास नियम में परिवर्तन किया है। इसके बाद अब दिसंबर 2022 तक अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध किया जाएगा। वहीं निम्न आय वर्ग से विकास शुल्क नहीं लिया जाएगा

राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश नगरपालिका कालोनी विकास नियम 2021 में बदलाव कर दिया है। पहले इन नियमों में प्रविधान था कि जो अनधिकृत कॉलोनियों 31 दिसम्बर 2016 तक अस्तित्व में आई हैं, उन्हें ही वैध करने की कार्रवाई की जाएगी।

नियमों में यह भी बदलाव किया गया है कि अब चिन्हित अनधिकृत कालोनी में एलआइजी एवं ईडब्ल्यूएस वर्ग के रहवासियों से कोई विकास शुल्क नहीं लिया जाएगा, लेकिन एलआइजी एवं ईडब्ल्यूएस वर्ग को सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र देना होगा तथा शेष अन्य वर्ग के रहवासियों से विकास शुल्क का 50 प्रतिशत लिया जाएगा और शेष 50 प्रतिशत राशि संबंधित नगरीय निकाय वहन करेगा।

मुख्यमंत्री ने आग्रह स्वीकार किया

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण एवं अनुज्ञा प्रदाय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि 31 दिसंबर, 2022 तक की अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध करने का निर्णय लिया जाए। इन कॉलोनियों में बने ऐसे मकान जो कंपाउंडिंग की सीमा में आ रहे हैं, उनके नक्शे पास किए जाए। गरीब रहवासियों से विकास शुल्क लेने का प्रविधान समाप्त किया जाए।

इन कॉलोनियों के नक्शे पास करने के लिए आफलाइन प्रक्रिया अपनाई जाए। इन कालोनियों में नियमित योजनाओं जैसे अमृत योजना, अधोसंरचना मद और सांसद एवं विधायक निधि आदि से विकास कार्य हो सकेंगे। पेयजल, सीवर और बिजली के वैध कनेक्शन दिए जाए जा सकेंगे। आग्रह को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंच से इन प्रस्तावों को पूरा करने की घोषणाएं कर दी थी।

व्यवस्था में बदलाव… पहले विकास कार्य होंगे

राज्य सरकार पूर्व की व्यवस्था में बदलाव किया है। अब पहले इन कॉलोनियों में विकास कार्य कराए जाएंगे। इसके बाद ही कॉलोनियों को वैध घोषित किया जाएगा। नगर निगम और निकाय की सीमा से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में शहर की अपेक्षा अधिक संख्या में अवैध कॉलोनियों हैं। यहां खेत की भूमि पर प्लाट काट दिए जाते हैं और जाने -अनजाने में लोग ऐसे प्लाट पर मकान बना लेते हैं। बाद में यही क्षेत्र जब निकाय सीमा के अंतर्गत आते हैं तो ये कालोनियां अवैध मानी जाती हैं। इसके चलते ऐसी कालोनियों में विकास कार्य प्रभावित होते हैं। राज्य सरकार ऐसी कालोनियां काटने वाले बिल्डरों पर अब सख्ती से नजर रखेगी।

संशोधित अधिसूचना जारी

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इसकी संशोधित अधिसूचना जारी कर दी है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मध्य प्रदेश में 31 दिसंबर, 2022 तक की अनाधिकृत कालोनियों को वैध करने के लिए सर्वे भी कराया है। ऐसी संशोधित अधिसूचना जारी को चिह्नित कर उनकी मैपिंग की जाएगी।

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