क्या आपके परिवार में लगातार खांसी की शिकायत रहती है? त्वचा पर चकत्ते, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस इस देश में आम समस्याएं हैं। अब समय आ गया है कि आप प्रदूषण और मौसम को दोष देना बंद कर दें। असली दोषी आपके घर के अंदर रिसाव और नमी हो सकती है। अक्सर, ये पैच बरसात का मौसम बीत जाने के बाद भी लंबे समय तक बने रहते हैं। बारिश के कारण दीवारों पर फफूंद और फंगस भी बन सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
सेहत को क्या नुकसान?
जब घर की दीवारे सीलन और फंगस से भर जाए तो समझ लें कि आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि सीलन और फंगस के कारण अल्टरनारिया, एस्परजिलस, पेनिसिलियम और क्लोडोस्पोलियम जैसी फंगल प्रजातियां पनपने लगती हैं। इनसे अस्थमा, राइनाइटिस, खांसी, जुकाम, गले में दर्द, सिर में दर्द, थकान और जोड़ों में दर्द, एलर्जी और डर्मिटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसे करें बचाव
वेंटिलेशन रखें : मॉनसून के दिनों में खिड़कियों को जरूर खोलकर रखें। क्रॉस वेंटिलेशन बेहद जरूरी होता है।
घर में धूप आने दें : धूप को आने दिया जाए, किरणों में मौजूद पराबैंगनी किरणें सूक्ष्मजीवियों पर नियंत्रण रखती हैं।
साफ-सफाई रखें : घर की रोजाना सफाई करें। साथ ही कई दिनों से बंद कमरे की भी सफाई हफ्ते में दो बार करें।
लकड़ी और कपड़े को साफ रखें : दीवारों पर लगी लकड़ी और कपड़े या वॉलपेपर को साफ रखें।
छत पर पानी जमा न होने दें : अगर घर की छत पर एक जगह ज्यादा पानी जमा है तो जल्द से जल्द सफाई करवाएं।