Advertisement

दुर्घटना रहित चौराहा बनाने के 7.50 करोड़ के प्रोजेक्ट पर सवाल

तीन जगह काम हुआ, वह भी अधूरा…! वाहन चालकों को हो रही परेशानियां

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा शहर के 11 प्रमुख चौराहों पर बाएं मोड़ की बाधाएं हटाकर विकास कार्य करने को बनाए 7.50 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर सवाल उठ रहे हैं। धरातल पर काम देख जानकारों ने प्रोजेक्ट की ड्राइंग-डिजाइन और प्लानिंग पर आपत्ति जताई थी। उस पर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया।

शांति पैलेस चौराहे पर जो काम अधूरा छोड दिया हैं। जल निकासी का कोई इंतजाम नहीं है। सिर्फ स्पीड ब्रेकर की जगह सीमेंट-कांक्रीट का रैंप फूटपाथ के बराबर हाइट देकर बनाया है। वह भी रोड के एक हिस्से मे बनाया ही नहीं गया हैं। बाएं मोड़ की बाधा एक भी नहीं हटी है। कायदे से रास्ता क्लियर करने को हाईमास्ट, विज्ञापन के लिए लगाया यूनिपोल, कुछ खंभे शिफ्ट होना चाहिए थे, मगर नहीं हुए। इससे वाहन चालकों को आवाजाही में परेशानी आती है। यहां हादसे भी होते हैं। ऐसे में यह काम सिर्फ फिजूलखर्ची ही नजर आ रहा है।

Advertisement

केवल तीन पर काम

उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी ने कुछ माह पहले 11 प्रमुख चौराहों-तिराहों के बाएं मोड़ क्लियर कराने को यहां की एक फर्म को ठेका दिया। पहले चरण में स्मार्ट सिटी ने नगर निगम और ट्रैफिक के साथ मिल कर पहले चरण में तीन चौराहों- शांति पैलेस, महामृत्युंजय द्वार तथा इंजीनियरिंग कॉलेज को विकसित किया है। जो काम हुआ है, उसे देख यहां से नियमित गुजरने वाले लोग और तकनीकी जानकार हैरान हैं। उनका कहना है यहां कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। केवल चौराहें के चारों रोड पर जो स्पीड ब्रेकर बने थे, उनकी जगह फुटपाथ की ऊंचाई के बराबर के रैंप बना दिए गए हैं। वह भी प्रथम दृष्टया मानक के अनुसार नहीं हैं और अधूरे छोड़ दिए हैं। बाएं मोड़ की बाधाएं नहीं हटाई गई हैं। चौराहों के किनारे लगे बोर्ड, खंभे, गुमटियों को हटाया नहीं गया हैं।

Advertisement

क्या हैं टेबल टॉप क्रॉसिंग

शहर के ऐसे चौराहे जहां आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं, उन्हें ठीक करने का काम स्मार्ट सिटी ने पहली बार टेबल टॉप क्रॉसिंग और चौराहों को विकसित करने प्रोजेक्ट बनाया था। इस कड़ी में 11 चौराहों को रखा गया है। इसकी शुरुआत शांति पैलेस, महामृत्युंजय द्वार तथा इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे से की गई थी। पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों के आवागमन को सुगम बनाने और शहर की सुंदरता बढ़ाने के लिए स्मार्ट सिटी ने 7.58 करोड़ रुपए का चौराहों को सुंदर, सुविधाजनक और दुर्घटना रहित बनाने का प्रोजेक्ट बनाया था। इसमें दावा किया गया था कि शहर में पहली बार चौराहों पर टेबल-टॉप रोड क्रॉसिंग बनेंगे। इसकी शुरुआत बायपास चौराहे से की जा रही है। सड़क पार करने के लिए जेब्रा क्रॉसिंग की जगह टेबल टॉप क्रॉसिंग बनेंगे। यह सड़क से 6 इंच ऊंचे होते हैं। इससे एक तरफ जहां पैदल चलने वालों को सुविधा होती है वहीं वाहनों की स्पीड नियंत्रित हो जाती है।

प्रोजेक्ट में प्राथमिक तौर पर 11 चौराहा

प्रोजेक्ट में प्राथमिक तौर पर 11 चौराहों को शामिल किया गया है। कहा गया था कि नगर निगम और ट्रैफिक के साथ मिलकर स्मार्ट सिटी विशेषज्ञ तय करेंगे कि किस चौराहे आगे काम किया जाए। जिन चौराहों पर विस्तार और सुधार करने के लिए पर्याप्त जगह है, वहां पहले काम किया जाएगा। इसके लिए भरतपुरी, बीमा अस्पताल, चामुंडा,नानाखेड़ा, इंदिरा नगर, कोयला फाटक, महामृत्युंजय द्वार, पाइप फैक्टरी,और तीन बत्ती चौराहा को भी शामिल किया गया था। फिलहाल इनके है। इनके प्लान का कोई अतापता नहीं हैं।

पूर्व के ठेकेदार ने अधूरा काम छोड़ दिया था। नए सिरे से ठेका दिया जा रहा है। जल्द ही काम शुरुआत होगी। – आशीष पाठक, सीईओ,स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट उज्जैन

Related Articles