शिक्षा में नवाचार: बच्चों ने बनाई अपने माता-पिता की वीडियो रील
देखा..किस प्रकार उनके लिए दिन और रात मेहनत करते हैं माता-पिता
ललित ज्वेल. उज्जैन:हाल में कुर्सियों पर बैठे माता-पिता और विद्यार्थियों की आंखों से अश्रु बह रहे थे। बीच-बीच में सिसकियों की आवाज आ रही थी। प्रोजेक्टर पर वीडियो रील चल रही थी। माता-पिता वह रील देख रहे थे, जो उनके बेटे/बेटी ने उनकी दिनचर्या पर मोबाइल फोन से बनाई थी। रील चल रही थी और माता-पिता एक-दूसरे को देखते हुए, मुस्कुराते हुए आंखों से अश्रु बहा रहे थे।
यह किसी फिल्म का दृश्य नहीं बल्कि शहर के शा.उत्कृष्ट उमावि, माधवनगर के सभागृह का था। सभागृह में तीन-तीन कुर्सियों का बंच बनाया गया था। इन पर माता-पिता और उनके बेटे/बेटी बैठे थे। ये बच्चे इसी विद्यालय में पढ़ते हैं। इनको प्राचार्य द्वारा एक टॉस्क दिया गया था। अपने माता-पिता को जानो, उनके बारे में वीडियो रील बनाओ। रील के माध्यम से समझो तथा महसूस करो कि उनके लिए उनके माता-पिता क्या-क्या करते हैं? कैसे कष्ट उठाते हैं? विद्यार्थियों ने जो वीडियो रील बनाई,उसमें अपने माता- पिता की परिवार के प्रति भूमिका को मुख्य रूप से उजागर किया गया।
आनेवाली नेक्स्ट जनरेशन मोबाइल पर कितनी सक्रिय है,यह रील देखकर पता लगा। विद्यार्थियों ने एप डाउनलोड करके ऐसी रील बनाई, मानो किसी फिल्म या कम्पनी के प्रोडक्ट का विज्ञापन हो। उसमें संवेदनाओं से भरे गीत भी डाले थे। सबकुछ रोचक था। लेकिन सबसे अधिक रोचक यह था कि माता-पिता को भी आश्चर्य हुआ कि उनके बेटे/बेटी ने कब उनकी दिनचर्या को मोबाइल के केमरे से कैद किया और कब यह सबकुछ बना दिया।
जब इस प्रतिनिधि द्वारा माता-पिता से पूछा गया कि आप इस संदर्भ में क्या कहेंगे? उन्होने जवाब दिया: बच्चों के मन में इसप्रकार की संवेदना जगाकर,उनको आंदोलित करना और घर-परिवार के प्रति सोच उत्पन्न करना…यह अपने आप में नया अनुभव है। हम सोचते थे कि बच्चे मोबाइल फोन पर मनोरंजन में व्यर्थ समय गवांते हैं। जो उन्होने किया,उससे लगा कि मोबाइल फोन उनकी उन्नति और सोच को नया आयाम देने के लिए आवश्यक उपकरण है। इसके लिए हम विद्यालय प्राचार्य और परिवार को धन्यवाद देते हैं। जब उन्हे पता चला कि यह पहल अक्षरविश्व द्वारा शिक्षा में नवाचार के तहत की गई है,तो उन्होने अक्षरविश्व के प्रति भी धन्यवाद ज्ञापित किया।
यह अपने आप में नया अनुभव रहा- प्राचार्य
अक्षरविश्व ने शा.उत्कृष्ट उमावि, माधवनगर, उज्जैन को शिक्षा मेेंं नवाचार हेतु सबसे पहले जोड़ा। विषय चुनने को लेकर काउंसलिंग हो या आने वाले समय में किस सेक्टर में अधिक से अधिक नौकरियां निकलेगी, इस बात की जानकारी अभिभावकों को देने की बात हो। अक्षरविश्व ने हमारे विद्यालय का कव्हरेज दिया और प्रयास की सराहना की। यह जानकारी देते हुए प्राचार्य संजय त्रिवेदी ने कहा- हमारा विद्यालय परिवार और विद्यार्थी तैयार है नए टॉस्क के लिए…..।
शिक्षा में नवाचार की पहल..आप भी जुड़ें
अक्षरविश्व द्वारा नए शिक्षा सत्र से शिक्षा में नवाचार इस रूप में पहल की जा रही है। यदि अभिभावक या उज्जैन शहर के विद्यालय प्रबंधन कोई नवाचार करते हैं अथवा किसप्रकार का नवाचार करें, तो हम उन्हे सहयोग करेंगे। नई शिक्षा नीति-2020 में पढऩे से अधिक समझने पर जोर दिया गया है। विद्यार्थियों की रूचि को प्राथमिकता दी गई है। विद्यालय प्रबंधन नवाचार करें और हमें सूचित करें। हम आयोजन का कव्हरेज भी करेंगे।