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नई बिल्डिंग से पहले किराए के भवन में ही मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाने के प्रयास…

मेडिकल कॉलेज की कवायद

शहर में नए मेडिकल कॉलेज को प्रारंभ करने की कवायद चल पड़ी है। इसके लिए उचित जमीन की तलाश होने लगी है। 260 करोड़ की लागत से प्रस्तावित कॉलेज के लिए प्रारंभिक तौर पर मालनवासा या लालपुर में करीब 20 एकड़ जमीन देखी गई है। नए भवन से पहले किराए की बिल्डिंग में में ही मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाने के प्रयास किए जा रहे है। जिला व चरक अस्पताल को कनेक्ट कर मेडिकल कॉलेज का संचालन कर सकते है

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मेडिकल कॉलेज और उसके साथ में होस्टल निर्माण के लिए करीब 20 एकड़ जमीन की आवश्यकता है, जिसे देखते हुए इंदौर रोड या देवास रोड पर जमीन देखी गई है। बता दें कि बिल्डिंग निर्माण और कॉलेज की संसाधनों आदि पर करीब 260 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसकी कैबिनेट से मंजूरी हो चुकी है यानी अब मेडिकल कॉलेज का रास्ता साफ हो गया है। जमीन या पुरानी बिल्डिंग उपलब्ध होने पर इसका संचालन करीब एक साल में किया जा सकेगा।

नए शहर के रूप में विकसित हो रहे इंदौर रोड पर मेडिकल कॉलेज बनाया जा सकता है। उज्जैन में एक साल में सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह कॉलेज शुरू होता है तो उज्जैन में आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज सहित दो मेडिकल कॉलेज हो जाने से चिकित्सा का क्षेत्र विस्तृत हो जाएगा और मरीजों को यहां हर तरह की चिकित्सकीय सेवाएं मिल सकेगी और मरीजों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए हायर सेंटर पर नहीं जाना पड़ेगा।

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इन जगह पर हो रहा विचार

मेडिकल कॉलेज शुरू करने के लिए दो विकल्प हैं। इसमें नई बिल्डिंग बनने तक अस्पताल या विक्रम विश्वविद्यालय की पुरानी बिल्डिंग का उपयोग कर उसमें मेडिकल कॉलेज का संचालन शुरू किया जा सकता है। मक्सी रोड स्थित आईटीआई बिल्डिंग, 450 बेड के चरक अस्पताल व आयुर्वेदिक कॉलेज बिल्डिंग तथा विक्रम विश्वविद्यालय की बिल्डिंग पर विचार किया जा रहा है।

फिलहाल पुरानी बिल्डिंग देखी है

अधिकारियों के अनुसार प्रयास पूरा है कि एक साल में मेडिकल कॉलेज शुरू कर दिया जाए। मेडिकल कॉलेज की नई बिल्डिंग बनने से पहले यह प्रस्ताव भी सामने आया है कि पुरानी बिल्डिंग यानी किराए की बिल्डिंग का उपयोग कर उसमें मेडिकल कॉलेज शुरू कर दिया जाए। चरक अस्पताल, आयुर्वेदिक कॉलेज व विक्रम विश्वविद्यालय की बिल्डिंग को भी देखा गया है।

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इसमें जिला अस्पताल व चरक अस्पताल को कनेक्ट कर मेडिकल कॉलेज का संचालन किया जा सकता है। अस्पताल के डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ व सपोर्टिंग स्टाफ को मेडिकल कॉलेज के अस्पताल के अधीन लिया जा सकता है।

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