फिर भी अफसरों को सब कुछ अच्छा दिख रहा….
अक्षरविश्व प्रतिनिधि .उज्जैन। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 चल रहा है। इस बार नगर निगम ने वाटर प्लस की तैयारी की है। यह ओडीएफ प्लस-प्लस से एक श्रेणी ऊपर है। इसमें भी वहीं सभी चीजों की जांच की जाती है जो कि ओडीएफ प्लस-प्लस में होती है। इसमें खुले में शौच एवं मूत्र विसर्जन नहीं होना चाहिए।
सीवर नालों व नदियों में नहीं बहना चाहिए। लोगों में स्वच्छता के लिए प्रति जागरूकता होनी चाहिए, लेकिन वर्तमान समय में उज्जैन की हालत काफी खराब है। सार्वजनिक शौचालयों से नल, टोटी, पाइप, साबून, कांच, पानी एवं साफ सफाई गायब है। वॉश वेसिंग भरे हुए हैं। ऐसे में वाटर प्लस के सर्वेक्षण के लिए टीम शहर में आती है तो उसे यह सभी चीजें देखने को मिलेंगी इसके चलते वाटर प्लस मिलना दूर उज्जैन में ओडीएफ प्लस-प्लस का तमगा भी जा सकता है।
बता दें कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में उज्जैन शहर को केन्द्र सरकार के के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा ओडीएफ प्लस-प्लस का दर्जा मिला था। इसके चलते उज्जैन ने इस साल वाटर प्लस की दावेदारी की है। प्रदेश में वाटर प्लस की दावेदारी चार ही नगर निगम ने की है। इसमें उज्जैन, इंदौर, भोपाल एवं ग्वालियर शामिल हैं, लेकिन फिलहाल उज्जैन नगर निगम की तैयारियों काफी कमजोर लग रही हैं। अक्षरविश्व की टीम ने कुछ स्थानों पर जाकर इसका मुआयना किया, तो स्थिति काफी खराब नजर आई।
सार्वजनिक शौचालयों में मिले ताले
स्वच्छ सर्वेक्षण का नियम है कि सार्वजनिक शौचालय खुले रहना चाहिए। साथ ही वहां पर साबून, पानी, स्वच्छता, रोशनी होना चाहिए। अक्षरविश्व की टीम ने हकीकत जानने के लिए शहर के सार्वजनिक शौचालयों को मौके पर जाकर देखा तो यह अव्यवस्थाएं सामने आई। जोन क्रमांक 4 के अंतर्गत दशहरा मैदान क्षेत्र स्थित बैंक ऑफ इंडिया के सामने बने दो सार्वजनिक शौचालयों पर ताला लगा मिला। नानाखेड़ा क्षेत्र स्थित अवंतिका होटल के पास बने महिला शौचालय की हालात इतनी खराब है कि ना तो उसमें नल में टोटी लगी मिली, ना ही रोशनी के लिए बल्ब।
निगम ने मांगे दावे-आपत्ति एवं सुझाव…
उज्जैन को ओडीएफ प्लस-प्लस और वॉटर प्लस घोषित करने के लिए नगर निगम ने ७ फरवरी को सार्वजनिक सूचना प्रकाशित कर शहरवासियों से इस संबंध में दावे-आपत्ति एवं सुझाव मांगे गए थे। सूचना में नगर निगम द्वारा उज्जैन शहर अंतर्गत 6 झोन व 54 वार्डो में समस्त सामुदायिक/सार्वजनिक शौचालयों में गतिशील जनसंख्या, आगन्तुको पर्यटकों के आधार पर बिजली पानी, मलजल निकासी, सेप्टिक टैंक आदि व्यवस्थाओं का नियमानुसार नियमित अन्तराल में संचालन किए जाने का दावा भी किया गया था।
इस संबंध में जब नगर निगम के सहायक आयुक्त (एसबीएम) कीर्ति चौहान से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि उज्जैन को ओडीएफ प्लस-प्लस और वॉटर प्लस घोषित करने के लिए मय दिनांक तक एक भी दावे, आपत्ति व सुझाव नहीं आए है। रही बात सार्वजनिक शौचालयों में फैली अव्यवस्थाओं की तो नगर निगम द्वारा शौचालयों में व्याप्त खामियों को दूर करने का काम निरंतर किया जा रहा है।