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नहीं रखा जा रहा है रिकॉर्ड, दुर्घटना में घायलों को अस्पताल में लाने वालों का
Sunday, October 1, 2023
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नहीं रखा जा रहा है रिकॉर्ड, दुर्घटना में घायलों को अस्पताल में लाने वालों का

सिविल सर्जन का कहना: हम घायलों का ध्यान रखें या उन्हें अस्पताल लाने वाले मददगारों का…

उज्जैन।केंद्र सरकार के स्पष्ट निर्देश है कि दुर्घटनाओं में घायल को अस्पताल लाने वाले का रिकॉर्ड अस्पतालों में रखा जाए, लेकिन जिला चिकित्सालय उज्जैन में इसका पालन नहीं हो रहा है। अस्पताल में ऐसा कोई रिकॉर्ड भी मेनेंटेन नहीं किया जा रहा है।

बता दें कि वाहन दुर्घटनाओं में हो रही मौतों को कम करने के लिए केंद्रीय परिवहन विभाग ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराने वालों को सम्मानित व पुरस्कृत करने की योजना शुरू की है, लेकिन जिला अस्पताल प्रबंधन शासन की इस अनूठी पहल को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं दिख रहा हैं।

खास बात यह है कि सड़क दुर्घटना में घायल को अस्पताल लाने वालों का रिकॉर्ड रखने की बात पर सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा ने कहा कि हम घायलों का ध्यान रखे या उन्हें अस्पताल लाने वाले लोगों का। हमारी प्राथमिकता घायल को उपचार देने की है। सड़क हादसे में घायलों के उपचार को लेकर जागरूक लोगों के प्रति जिम्मेदारों की यह गंभीर लापरवाही है। साथ ही मददगार व्यक्तियों को शासन से इनाम तो दूर सम्मान तक नहीं मिल पा रहा हैं।

बता दें कि केन्द्रीय परिवहन विभाग के आदेश अनुसार दुर्घटना में घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती करने के लिए लाने वालों का रिकार्ड विशेष रूप से रखा जाए। रिकॉर्ड स्वरूप उनका नाम, पता व मोबाइल नंबर रजिस्टर में दर्ज किया जाए। ऐसे लोगों को सम्मानित करने के लिए यह व्यवस्था शुरू की गई हैं। इस संबंध में प्रशासनिक आदेश के बाद प्रदेश के समस्त जिला स्वास्थ्य विभाग में भी आदेश दे लागू किए गए हैं।

जिला सिविल अस्पताल में भी इस तरह के आदेश आ गए हैं, लेकिन जब अस्पताल प्रबंधन से इसका रिकार्ड मांगा गया तो नहीं मिला। वहीं मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन व सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. पी एन वर्मा ने बताया कि सीएमएचओ कार्यालय से आदेश तो जारी कर दिए हैं, लेकिन रिकार्ड नहीं रखा जा रहा है। कारण डॉक्टर घायलों का ध्यान रखे या उन्हें अस्पताल लाने वालो का, वैसे भी एक आम आदमी सोचता है कि यदि व्यक्ति को अस्पताल लेकर गए, तो पुलिस के बयान व कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ेंगे।

पुलिस मददगार को जबरन नहीं बना सकती गवाह…

मध्य प्रदेश सरकार की इस अनूठी मुहिम में घायल व्यक्ति को सही समय पर अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को पांच हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा। संबंधित व्यक्ति को अपना नाम सिर्फ अस्पताल के रजिस्टर में एंट्री करवानी होंगी। इसके बाद पुलिस द्वारा उसे पुरस्कृत किया जाएगा। इसके अलावा पुलिस मददगार से कोई पूछताछ नहीं करेंगी। योजना के अनुसार पुलिस इच्छुक मददगार को जबरन गवाह भी नहीं बना सकती हैं।

तीन साल में 31 सड़क हादसे, 52 की मौत…
बता दें कि उज्जैन में पिछले तीन वर्षों में 31 सड़क हादसों में 52 लोगों की मौत हो चुकी हैं। वहीं 300 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। इन आंकड़ों में बिना हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं लगाने के कारण भी कई दुर्घटनाओं में मौत हुई है, लेकिन अमूमन देखा गया है। सड़क दुर्घटना में घायल को यदि समय पर अस्पताल ले जाए और उसे प्राथमिक उपचार मिल जाए तो मौत के आंकड़े में कमी आ सकती है।

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