कर्मचारियों का कहना- जबरदस्ती की क्वेरी निकालकर डम्प कर रहे फाइल
नामांतरण नहीं होने से नगर निगम को एक करोड़ रुपए के राजस्व की हानि…!
अधिकारी बोले- देखता हूं, कहां आ रही है रूकावट
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:नगर निगम के राजस्व विभाग का कार्यालय भू-तल पर है। यहां एक कोने में फाइलें बंधे एक दर्जन से अधिक बस्ते पड़े हैं। ये बस्ते इंतजार कर रहे हैं कि उन्हें खोला जाए और उसमें रखी फाइलों का निराकरण किया जाए, ताकि निगम को करीब एक करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हो सके।
यह राजस्व कैसे प्राप्त होगा, अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक जानते हैं। जिनके नामांतरण की कार्रवाई होना है, केवल वे ही नहीं जान पा रहे हैं कि उनका काम आखिर क्यों नहीं हो पा रहा है?
एक जन प्रतिनिधि के फोन ने बिगाड़ा सारा काम….
राजस्व एवं अन्यकर विभाग के सूत्रों का दावा है कि उज्जैन उत्तर के एक जनप्रतिनिधि ने अपने चहेते की नामांतरण की फाइल धूल खाने को लेकर नाराजगी जताई तथा निर्देश दिए कि जल्द से जल्द नामांतरण कर दिया जाए, वरना भोपाल तक शिकायत करना पड़ेगी। इस पर संबंधित अधिकारी को गुस्सा आ गया।
उन्होंने सारी फाइलें बुलवाई और सभी पर कुछ न कुछ क्वेरी लिखकर, उसके निराकरण के लिए वापस नीचे कार्यालय में भेज दी। इसमें संबंधित जनप्रतिनिधि के चहेते की फाइल भी शामिल थी। यह बात करीब 2 महीने पुरानी है लेकिन अंदरखाने की खबर है कि अनेक नामांतरण तो एक साल से 6 माह पुराने हैं, जिनके आदेश जारी नहीं हुए हैं।
विभाग प्रमुख आर एस मंडलोई का कहना है कि जिन मामलों में दस्तावेज पूर्ण नहीं है या अन्य तकनीकी खामी है, वहां तो क्वेरी लिखना ही होगी। रही बात सारी फाइलों की तो वे कंपलीट फाइलों को तत्काल निपटा देंगे। हालांकि उन्होने यह बात शुक्रवार को कही थी और शनिवार-रविवार का अवकाश आ गया। सोमवार को जो हालात बनेंगे, वह सामने आ जाएंगे।
एमआयसी सदस्य सह प्रभारी रजत मेहता के अनुसार उन्हें सारा मामला जानकारी में आ गया था। वे श्री मंडलोई को कह चुके हैं इन मामलों में देर न करें। निगम को लाखो रुपए के राजस्व की हानि हो रही है। यदि समय पर काम हो जाएगा तो निगम को ही लाभ होगा। वे सोमवार तक सारी फाइलें पूरी करवा देंगे।