निगम की विभागीय समीक्षा में पार्किंग का मुद्दा भी आया था सामने
नेताओं के पट्ठो ने ले लिए पार्किंग ठेके, शुल्क ज्यादा फिर भी निगम को चपत
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:शहर में मंदिरों पर बढ़ती दर्शनार्थियों की भीड़ के बाद अधिकतर पार्किंग के ठेके नेताओं के पट्ठो ने ले लिए हैं। यहां शुल्क भी ज्यादा लिया जा रहा लेकिन निगम को फिर भी चपत ज्यादा लग रही।महापौर मुकेश टटवाल द्वारा की जा रही विभागीय समीक्षा के दौरान शहर की पार्किंग और यातायात व्यवस्था का मुद्दा भी सामने आया है। यातायात व्यवस्था के लिए प्रभारी दुर्गा शक्तिसिंह चौधरी की जगह कैलाश प्रजापत को प्रभारी बनाने के बाद भी व्यवस्थाओं में सुधार नहीं आ रहा।
समस्या इसलिए सुधर नहीं पा रही क्योंकि पार्किंग के ठेके ऐसे लोगों ने ले रखे हैं जो बड़े जनप्रतिनिधि के समर्थक हैं या किसी नेता के गुट के। इस कारण पार्किंग पर निर्धारित से ज्यादा शुल्क लेने के मामलों में नियंत्रण नहीं हो पा रहा। हरिफाफक ब्रिज के पास, नृसिंह घाट, कालभैरव मंदिर और कार्तिक मेला ग्राउंड में लोगों द्वारा अधिक शुल्क लेने की शिकायतें भी नगर निगम के पास पहुंच रही।
इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हो पा रही। महापौर इस बात से भी चिंतित हैं कि निगम के पास पार्किंग शुल्क से राशि उतनी नहीं आ पा रही, जितने वाहन पार्क किए जा रहे। इस मामले में पार्षद हेमंत गेहलोत भी शिकायत कर चुके हैं। एमआईसी सदस्य और विभाग की समिति के प्रभारी कैलाश प्रजापत ने भी गेहलोत के साथ कालभैरव मंदिर पार्किंग का निरीक्षण किया था।
शनि और रवि को नि:शुल्क रखने पर भी ले रहे शुल्क:हरिफाटक ओवरब्रिज के पास की पार्किंग पर लोगों की सुविधाओं के लिए महपौर ने शनिवार और रविवार को पार्किंग शुल्क नहीं लेने की बात कही थी, लेकिन इसकी जगह 20 के बदले में 150 रुपयों तक का शुल्क लिया जा रहा। भीड़ अधिक होने के कारण दर्शनार्थियों को ये शुल्क भी देना पड़ रहे।
जांच करेंगे पार्किंग ठेकेदारों द्वारा वाहनों के अनुसार राशि जमा कराई जा रही है या नहीं, इसकी जांच कर कार्रवाई करेंगे।-कैलाश प्रजापत, प्रभारी परिवहन समिति