न्यूयार्क मॉडल पर शिप्रा नदी से जुड़ेंगे लोग!
रिवर सिटीज एलायंस में उज्जैन का नाम भी जुड़ा
नमामि गंगे मिशन के तहत 92.78 करोड़ लागत से 18 माह में बनेंगे दो ट्रीटमेंट प्लांट
अक्षरविश्व प्रतिनिधि. उज्जैनन्यूयार्क मॉडल पर अब शिप्रा नदी से लोगों को जोड़ा जाएगा ताकि नदी को साफ स्वच्छ रखा जा सके। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए रिवर सिटीज एलायंस (आरसीए) में उज्जैन का नाम भी जुड़ गया है, जिससे शिप्रा को साफ रखने का सपना साकार हो सकेगा। नमामि गंगे मिशन के तहत 92.78 करोड़ रुपए की लागत से शहर में दो ट्रीटमेंट प्लांट 18 माह में बनाने की कवायद भी शुरू हो गई है।
नमामि गंगे मिशन के तहत शिप्रा नदी को साफ स्वच्छ रखने के लिए दो ट्रीटमेंट प्लांट की योजना के सिलसिले में उज्जैन आए मिशन के डायरेक्टर जनरल डॉ. अशोक कुमार ने बताया रिवर सिटीज़ एलायंस में उज्जैन भी सदस्य बन गया है। इस एलायंस में देश के 110 शहर जुड़ चुके हैं।
उज्जैन नगर निगम कमिश्नर रोशन कुमार सिंह को उन्होंने रिवर सिटीज़ एलायंस का काम आगे बढ़ाने के लिए कहा है। डायरेक्टर जनरल ने बताया गत मार्च में न्यूयार्क में वाटर कॉन्फ्रेंस हुई थी। इसमें शहरों को नदियों से जोडऩे की योजना पर चर्चा हुई थी। इसके बाद दिल्ली में पहली बार इसको लेकर चर्चा हुई कि न्यूयार्क, डेनमार्क, मैनचेस्टर जैसे स्थानों पर नदियां साफ रह सकती हैं तो हमारे देश में क्यों नहीं।
ट्रीटमेंट प्लांट का 15 साल तक होगा मेंटेनेंस
डॉ. अशोक कुमार ने बताया 92.78 करोड़ रुपए की लागत से दो ट्रीटमेंट प्लांट पिलियाखाल और भैरवगढ़ क्षेत्र में बनाना तय किया है। भैरवगढ़ नाले के पास 2.38 एमएलडी क्षमता का वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्लूडब्लूटीपी) और पिलियाखाल नाले के पास 22 एमएलडी क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनेगा। ठेकेदार कंपनियों को इनका 15 साल तक मेंटेनेंस करना पड़ेगा। 18 माह में बनाने का टारगेट तय किया है।
ये शहर भी हैं सदस्य
उज्जैन के अलावा देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, पटना,हावड़ा, अयोध्या, कानपुर, मथुरा-वृंदावन, प्रयागराज, वाराणसी, औरंगाबाद, चेन्नई, भुवनेश्वर, हैदराबाद, पुणे, उदयपुर और विजयवाड़ा जैसे 101 शहर आरसीए के सदस्य हैं।
जानिए क्या है आरसीए
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के साथ मिलकर रिवर सिटीज़ एलायंस (आरसीए) शुरू किया है।
यह भारत में नदियों के किनारे बसे शहरों के सतत प्रबंधन को लेकर समर्पित विचार मंच है।
तीन व्यापक विषयों पर ध्यान केंद्रित करेगा- नेटवर्किंग, क्षमता निर्माण और तकनीकी सहायता।
शुरुआत गंगा बेसिन शहरों के साथ हुई थी, लेकिन इसे पूरे देश में विस्तारित किया है।
नदी से संबंधित राष्ट्रीय नीतियों और उपकरणों को अपनाने की दिशा में काम करने का उद्देश्य।