गुरुवार को उज्जैन में एक अंतिम यात्रा में शाजापुर के कुछ शहरी शामिल हुए। चक्रतीर्थ पर चर्चा चल रही थी चुनाव की। इसमें उज्जैन संभाग की सभी सीटों को लेकर चर्चा के दौरान मंत्रियों के कार्य की समीक्षा चल रही थी। चर्चा का मुख्य बिंदु था किसने कितना काम किया और उनकी स्थिति।
इस दौरान शाजापुर के व्यापारी ने कहा कि पढ़ाई के विभाग वाले मंत्री की तो बात ही नहीं करें। उनके प्रति हमारे यहां भारी नाराजगी है। किसी ने उनकी इमानदारी को लेकर प्रमाण पत्र दिया तो शाजापुर में रहने वाले मतदाता का कहना था कि मंत्री के खास तो आपके उज्जैन शहर में रहते हैं। उनकी जानकारी निकाल लो विभाग में जाकर। आपके सारे दावे धरे रह जाएंगे। इस बार ऊंट किस करवट बैठेगा, कहा नहीं जा सकता।
होमवर्क पूरा करके बात किया करो
उज्जैन जिले की सातों सीटों पर कांग्रेस और भाजपा ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। बदलाव के बाद जो स्थिति सामने आ रही है, उसे लेकर अब कांग्रेस ने सर्वे करवाया है। अंदरखाने की रिपोर्ट बताती है कि उज्जैन से भोपाल भेजे गए संदेश में कहा गया है कि इस समय जिले में कांग्रेस सात में से पांच सीट जीत रही है। इधर भोपाल से आंख गड़ाए नेताजी ने रिपोर्ट भेजने वाले से पूछ लिया- आप तो यह बताओ उज्जैन उत्तर एवं दक्षिण सीट जीत रहे हैं या नहीं? जवाब में इस ओर से कुछ कहा गया तो भोपाल से नेताजी ने कहा-अपना होमवर्क पूरा किया करो, उसके बाद रिपोर्ट भेजा करो। पहले भी निपटवा चुके हो।
खुफिया विभाग में कोई परिचित है क्या?
होमवर्क पूरा करके रिपोर्ट भेजने के निर्देश के बाद उज्जैन के उक्त नेताजी ने अपने एक परिचित पत्रकार साथी को मोबाइल फोन किया। हालचाल जानने के बाद उन्होने पूछ लिया-जिला पुलिस के खुफिया विभाग में कोई परिचित पुलिसवाला है क्या? जब पत्रकार दोस्त ने पूछा कि क्या काम है? नेताजी बोले-उनके पास बहुतसारी जानकारी होती है चुनाव को लेकर। रोजाना भोपाल भेजते हैं। मुझे भी कुछ जानकारी भोपाल भेजना है, दोस्ती करवा देते तो कुछ अपना काम भी बन जाता।
कार्यालय पर नजर रखना
नये शहर में एक पार्टी के केंद्रीय कार्यालय का शुभारंभ हुआ। बहुतसारे लोग आए। भाषण के बाद नाश्ता किया और चले गए। जब कार्यालय में सन्नाटा पसर गया तो चुनाव का संचालन कर रहे नेताजी ने कर्मचारी से कहा: कार्यालय में सुबह से रात तक आने-जानेवालों पर नजर रखना। आपस में बतियाए तो सुनने की कोशिश करना। कौन किसके साथ आता है,किस काम से आता है,किसके बारे में जानकारी मांगता है। सारी बातें रात को मुझे बताना। इसके बाद कर्मचारी की पीठ थपथपाते हुए कहा-देखो,ये चुनाव है। छोटी -छोटी बातों पर नजर रखना पड़ती है। वरना पता चला कि कोई भी फाइल निपटा गया।
लोकसभा का चुनाव लड़ेगी निशा
राज्य प्रशासनिक सेवा से इस्तिफा दे चुकी निशा बांगरे ने कांग्रेस से आमला सीट से विधानसभा का टिकट मांग रही थी। उनका इस्तिफा स्वीकृत होने में देरी को लेकर कांग्रेस ने आमला से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था। एक चुनावी सभा में कमलनाथ ने साफ कर दिया कि निशा को बड़ी जिम्मेदारी देंगे,विधानसभा नहीं लड़वाएंगे। अब इसे लेकर यह खबर आ रही है कि कमलनाथ ने उन्हे आगामी लोकसभा चुनाव लड़वाने का आश्वासन दे दिया है। तब तक वे पार्टी सदस्य के रूप में काम करती रहेंगी।
नए को मौका देने में भाजपा आगे
उज्जैन जिले की सभी सात विधानसभा सीटों पर नए चेहरों को मौका देने के मामले में कांग्रेस से भाजपा आगे है। कांग्रेस ने एक नए चेहरों को मौका दिया है जबकि भाजपा ने तीन नए चेहरों को आजमाया है। कांग्रेस ने उज्जैन दक्षिण से नए उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। भाजपा ने उज्जैन उत्तर, बडऩगर और नागदा-खाचरौद से नए चेहरे को मौका दिया है।
संत चुनाव मैदान में, पोस्ट से मची हलचल
कहते है ना कि झूठ के पैर नहीं होते फिर भी वह तेजी से फैलता है। सोशल मीडिया पर चलने वाली पोस्ट के साथ कुछ इसी तरह के हाल है। गुरुवार को ऐसा ही हो गया। सोशल मीडिया पर तेजी से पोस्ट वायरल हुई कि उज्जैन उत्तर से भी एक संत निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने वाले है। इस पोस्ट ने शहर की राजनीति में कुछ देर के लिए हलचल मचा दी। विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया के बीच अलग-अलग प्रसंग सामने आने लगे है।
सोशल मीडिया पर उक्त पोस्ट में बताया गया कि उज्जैन दक्षिण से एक संत के निर्दलीय चुनाव लडऩे की घोषणा के बाद एक ओर संत आचार्य शेखर उज्जैन उत्तर से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामाकंन-पत्र दाखिल करने वाले है। संत के चुनाव मैदान में उतरने की खबर तेजी से वायरल हुई।
पोस्ट के दूर-दूर तक पहुंचने के बाद संत आचार्य शेखर के भक्त और समर्थक सक्रिय हुए। आचार्य शेखर की ओर से सोशल मीडिया पर बयान जारी किया गया, उसमें कहा गया कि ‘कुछ लोग मेरा नाम चुनाव में निर्दलीय के रूप में चला रहे है। वह सूचना गलत है। कृपया गलत संदेश न लिखें।’ इसके कुछ ही देर बाद उज्जैन उत्तर से भाजपा के प्रत्याशी अनिल जैन कालूहेड़ा आचार्य शेखर महामंडलेश्वर के आश्रम पहुंचे और आशीर्वाद लिया।