एक परिवार के अलग अलग व्यक्तित्व के लोग होते हैं, जिनकी पसंद नापसंद और जीवन जीने का तरीका एक दूसरे से अलग हो सकता है। कई बार उनके बीच वैचारिक मतभेद भी हो जाते हैं। इस कारण परिवार के सदस्यों में अनबन होना सामान्य बात है। परिवार में लड़ाई झगड़ा होना आम है लेकिन जब हद से ज्यादा या आए दिन परिवार में कलह होने लगे तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
अक्सर बड़े होते बच्चों की अपने भाई बहनों या परिवार के अन्य सदस्यों से बहस हो जाती है। पति-पत्नी के बीच लड़ाई झगड़ा होना, परिवार के अन्य सदस्यों के बीच विवाद होने लगे तो इसका हल निकालने के बारे में सोचें। अक्सर होने वाले झगड़ों को कम करने के लिए जरूरी है कि रिश्तों में सुधार किया जाए और सदस्यों में नजदीकियां बढ़ें। परिवार में बिगड़ते रिश्तों को सुधारने के लिए यहां कुछ तरीके बताए जा रहे हैं।
विचार समझें
परिवार के जिन सदस्यों के बीच अक्सर लड़ाई होती है, उनके विचारों को समझने की कोशिश करें। यह जानने का प्रयास करें कि वह क्या सोचते हैं और चीजों को लेकर उनका क्या नजरिया है। अगर आप उनकी सोच को समझ जाएंगे तो झगड़े की वजह भी पता चल जाएगी और झगड़े को टाला जा सकेगा।
बातों को साझा करें
परिवार में किसी सदस्य को कोई परेशानी हो, तो उसे घर में सभी के साथ साझा करें। ऐसा करने से परिवार के लोग एक दूसरे की परेशानियों को समझेंगे और उनका मन भी हल्का हो जाएगा। सदस्य की परेशानी समझ कर उसके झगडैल रवैए पर अन्य लोग आक्रामक प्रतिक्रिया देने से बचेंगे और झगड़े कम होंगे।
बातचीत से हल निकालें
अगर आपको परिवार के किसी सदस्य का रवैया पसंद नहीं आ रहा, जो लड़ाई झगड़े की वजह बनता है तो खुलकर उसे यह बताएं। बातचीत करने से गलतफहमियां दूर होती हैं और समस्या का हल निकलता है। इस से झगड़ा होने की संभावना कम हो जाती है।
चीखें-चिल्लाए नहीं
अक्सर मतभेद होने पर लोग चीखने चिल्लाने लगते हैं। इससे घर में तनाव बढ़ता है। कई बार गुस्से में कहे गए आपके अपशब्द परिवार के सदस्य को आहत करते हैं, जिसके कारण उनकी ओर से भी प्रतिक्रिया आती है और विवाद बढ़ने लगता है। इसलिए मनमुटाव की स्थिति में भी भाषा पर नियंत्रण रखें और चिल्ला कर बात न करें।