मामला विक्रम विश्वविद्यालय छात्रों के हॉस्टल से निष्कासन का
पहले गुपचुप निष्कासित, शोर मचा तो निरस्ती का आदेश जारी
उज्जैन। विक्रम विक्रम विश्वविद्यालय जो करें, कम है। अब एक ऐसा मामला सामने आया कि विश्वविद्यालय शालीग्राम हॉस्टल में अनुशासनहीनता करने पर १४ छात्रों का करीब एक माह पहले हॉस्टल से निष्कासित कर दिया गया। इसकी किसी को खबर भी नहीं होने दी। छात्रों को तीन दिन में हॉस्टल छोडऩा था। ऐसा नहीं होने की जानकारी सार्वजनिक होने पर शोर मचा तो विवि ने यह कहते हुए पूर्व के आदेश को निरस्त कर दिया कि छात्रों द्वारा भविष्य में अनुचित हरकत नहीं करने का लिखित में दिया है।
इसके चलते निष्कासन के आदेश को निरस्त कर दिया है। बीते कुछ समय से विक्रम विश्वविद्यालय के शालीग्राम हॉस्टल में छात्रों के दो गुटों में वर्चस्व को लेकर लगातार विवाद हो रहे थे। वहीं हॉस्टल के कुछ छात्रों की हरकत से अन्य छात्र परेशान हो रहे थे। शिकायतों का दौर भी चलता रहा। आखिरकार विवि प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई कर दी है।विश्वविद्यालय प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने विश्वविद्यालय के 14 छात्र को हॉस्टल से निष्कासित कर दिया था।
विक्रम विश्वविद्यालय के शालीग्राम तोमर हॉस्टल की आंतरिक व्यवस्था बिगड़ गई थी। हॉस्टल में कुछ छात्रों द्वारा लगातार की जा रही हरकतों के कारण अन्य विद्यार्थी परेशान होकर हॉस्टल छोडऩेे को मजबूर थे। विश्वविद्यालय के प्रॉक्टोरियल बोर्ड की बैठक में हॉस्टल के 14 छात्रों पर निष्कासित करने का फैसला किया गया है।
इस संबंध में आदेश क्रमांक २०२२/९३ दिनांक ११.१.२३ जारी किया था। इस पर कुलसचिव के साथ ही प्रॉक्टोरियल बोर्ड सदस्यों के हस्ताक्षर से कहा गया था कि आदेश ०१.०२.२३ से लागू होगा और छात्रों को पत्र देकर निर्देश दिए जाए कि तीन दिन में हॉस्टल का कमरा छोडना होगा। उस वक्त किसी को आदेश की कानोंकान खबर नहीं होने दी। विवि ने भी इसकी सूचना सार्वजनिक नहीं की।
यह मामला है
विक्रम विश्वविद्यालय के शालीग्राम तोमर हॉस्टल में रहने वाले छात्रों ने विवि प्रशासन को शिकायत में बताया था कि हॉस्टल के कुछ छात्रों की हरकत से हॉस्टल में रहना मुश्किल हो गया है। इसके साथ ही उन्हें पढऩे में दिक्कत होती है। आए दिन विवाद भी किए जाते है। हॉस्टल में विगत दिनों विद्यार्थियों द्वारा हॉस्टल के दिशा निर्देशों उल्लघंन किया जा रहा था।
विभिन्न घटनाओं के सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रॉक्टोरियल बोर्ड की बैठक में प्रॉक्टर प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा, डीएसडब्ल्यू प्रो.एसके मिश्रा, डॉ.डीडी बेदिया,डॉ.स्वाति दुबे,डॉ. रमण सोलंकी,डॉ. कनिया मेडा की मौजूदगी मे आयोजित की गई। इसमें सभी स्थिति पर विचार और हॉस्टल के कर्मचारियों से चर्चा के बाद १४ छात्रों को हॉस्टल से निष्कासित करने का निर्णय लिया था। इसमें यह भी तय किया गया था कि हॉस्टल के वार्डन को संबंधित छात्रों को पत्र देने के साथ ही तीन दिन में हॉस्टल खाली करने के निर्देश दिए जाए।
निष्कासित छात्रों ने खाली नहीं किए थे कमरे
सूत्रों के अनुसार छात्रों ने आदेश का पालन नहीं किया और प्रभाव-दबाव में निष्कासित छात्रों में से लगभग अधिकांश हॉस्टल में ही बने रहे। विवि प्रशासन ने भी हॉस्टल खाली करने के संबंध में गुपचुप आदेश तो जारी कर दिया,लेकिन कार्रवाई नहीं की। आदेश के करीब एक माह बाद मामला चर्चाओं में आया कि निष्कासित छात्र हॉस्टल में बने हुए है,तब विवि प्रशासन हरकत में आया और ६ मार्च २०२३ सोमवार को आदेश क्रमांक /प्रशासन/संस्थापन/२०२३/२०२१ जारी की बताया छात्रों के निष्कासन संबंधित आदेश आदेश क्रमांक २०२२/९३ दिनांक ११.१.२३ निरस्त किया जाता है।
इन छात्रों को किया था निष्कासित
शालीग्राम तोमर हॉस्टल में रहने वाले कृषि अध्ययनशाला में अध्ययनरत छात्र आयुष चौहान,पवन रावत, तुषार गंगराड़े, लोकेश पंवार, आदर्श कौरव, चेतन राजपूत, अभिषेक जैन और विक्रम विवि स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी (एसओईटी) के छात्र आदित्यनाथ पंडित, लालसिंह पिता शिवसिंह, संस्कार पिता राजकुमार,धर्मेश मकवाना,रजत आगली, मुकुल उपाध्याय और ज्ञान राजपूत को हॉस्टल से निष्कासित किया था।