नईदिल्ली। किसानों के हठ के आगे आखिरकार मोदी सरकार को झुकना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों विवादित कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है। इस ऐलान के लिए दिन चुना गया प्रकाश पर्व का। पीएम ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में यह बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार ये कानून काश्तकारों के हित में नेक नीयत से ये कानून लाई थी, लेकिन हम कुछ किसानों को समझाने में नाकाम रहे।
मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हम पूरी विनम्रता से किसानों को समझाते रहे। बातचीत भी होती रही। कानून के जिन प्रावधानों पर उन्हें ऐतराज था उन्हें सरकार बदलने को तैयार हो गई। साथियों आज गुरु नानक देवजी का पवित्र पर्व है यह समय किसी को दोष देने का नही है। मैं आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है। इसी महीने हम इसे वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर देंगे।
टिकैत बोले- संसद में कानून वापसी का इंतजार करेंगे
सिंघु और टीकरी समेत दिल्ली के बॉर्डर्स पर किसान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 14 महीने से आंदोलन कर रहे थे। अब सरकार के फैसले के बाद किसान संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम तुरंत आंदोलन वापस नहीं लेंगे, बल्कि इन्हें संसद में वापस लेने का इंतजार करेंगे।
प्रकाश पर्व की शुभकामनाओं के साथ शुरुआत की: मोदी ने कहा, मेरे प्यारे देशवासियों आज देव दीपावली का पावन पर्व है। आज गुरु नानक देव जी का भी पावन प्रकाश पर्व है। मैं विश्व में सभी लोगों और सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। यह भी बेहद सुखद है कि डेढ़ साल बात करतारपुर साहिब कॉरिडोर फिर से खुल गया है। ‘गुरुनानक देव जी ने कहा है कि संसार में सेवा का मार्ग अपनाने से ही जीवन सफल होता है।
किसानों पर केंद्रित रहा 18 मिनट का संबोधन
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैंने किसानों की परेशानियों और चुनौतियों को बहुत करीब से देखा है। जब देश ने मुझे 2014 में प्रधानमंत्री के तौर पर देश की सेवा का मौका दिया, तो हमने किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। बहुत लोग अनजान हैं कि देश के 100 में से 80 किसान छोटे किसान हैं। उनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है। इनकी संख्या 10 करोड़ से भी ज्यादा है। उनकी जिंदगी का आधार यही छोटी सी जमीन का टुकड़ा है। किसान इसी जमीन से अपने परिवार का गुजारा करते हैं।
खुलकर मोदी के साथ आए अमरिंदर
बीजेपी से सीट शेयरिंग कर चुनाव लड़ूंगा- कैप्टन
तीनों नए कृषि कानून रद्द करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा पर पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि वे भाजपा से सीट शेयरिंग करके विधानसभा चुनाव में उतरेंगे। कैप्टन ने पहले ही कहा था कि जैसे ही कृषि कानून रद्द होंगे और किसान आंदोलन खत्म होगा, तो वे भाजपा के साथ मिलकर चुनावी ताल ठोकेंगे। अब यह बात तय भी हो गई है कि सूबे में साढ़े तीन महीने बाद होने वाले चुनाव कैप्टन भाजपा के साथ मिलकर ही लड़ेंगे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुशी जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की बात सुनकर उनकी चिंता समझी और कृषि कानून रद्द करने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा, मैं लगातार इस मुद्दे को उठाता रहा और केंद्र सरकार से मिलता रहा।