पुरुषार्थ के बिना गुणों का संचय एवं अवगुण दूर नहीं होते हैं

By AV NEWS

उज्जैन। जीवन में छोटी से छोटी बुराइयों का भी त्याग करना चाहिए। केवल शब्दों या मंत्रों के उच्चारण मात्र से जीवन में अच्छाइयां नहीं आती एवं बुराइयां नहीं जाती है, इसके लिए हमें सही दिशा में पुरुषार्थ करना चाहिए। प्रभु से कल्याण मार्ग की याचना हमें करना चाहिए। उक्त विचार आर्य समाज मंदिर में डॉ आनंद मोहन सक्सेना ने साप्ताहिक सत्संग में व्यक्त किये।

सत्यार्थ प्रकाश की व्याख्या करते हुए आरसी सिलोदिया ने कहा कि वैदिक संस्कृति विराट है हमें वेद मंत्रों को अर्थ सहित स्मरण रखना चाहिए। प्रधान जीवन प्रकाश आर्य ने कहा कि मंत्र के शब्दों व उनके अर्थ को समझना होगा। यज्ञ के यजमान रामचंद्र सिलोदिया थे।

कार्यक्रम में सैलाना एवं रतलाम से पधारे शेखर आर्य एवं विकास आर्य द्वारा 25 से 28 दिसंबर तक रतलाम में आयोजित सरल आध्यात्मिक जीवन विकास शिविर की जानकारी दी। ईश प्रार्थना मदनलाल कुमावत ने प्रस्तुत की भजनों की प्रस्तुति सिलोदिया बहन ने दी। सत्संग का संचालन ललित नागर ने किया एवं आभार मंत्री डॉ. मालाकार ने व्यक्त किया।

Share This Article