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पुलिस सहायता केन्द्र के बाद भी कथा पांडाल में चोरियां
Sunday, October 1, 2023
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पुलिस सहायता केन्द्र के बाद भी कथा पांडाल में चोरियां

एक एसआई सहित 10 जवानों की लगी है ड्यूटी

अक्षरविश्व प्रतिनिधि .उज्जैन।मुल्लापुरा मार्ग पर पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा शिव महापुराण कथा की जा रही है जिसे सुनने के लिये देशभर से हजारों लोग यहां आ रहे हैं जिन्हें चोर गैंग द्वारा निशाना बनाकर मोबाइल, बैग और सोने की चैन उड़ा रही है। पुलिस रिकार्ड के अनुसार अब तक 15 लोग चोरी की शिकायत कर चुके हैं, जबकि सच्चाई यह है कि तीन दर्जन से अधिक लोग चोरों का शिकार बने हैं।

महाकाल लोक बनने के बाद देश भर से हजारों की संख्या में लोग पहले से ही उज्जैन पहुुंच रहे थे और पिछले चार दिनों से हो रही पंडित मिश्रा की शिव महापुराण कथा में यह आंकड़ा दो गुना से अधिक हो चुका है। इधर पुलिस द्वारा लोगों को चोरों और बदमाशों का शिकार होने से बचाने के कोई उपाय नहीं हैं।

दूसरे शहरों से आई चोर गैंग द्वारा भीड़ का फायदा उठाकर वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है जबकि पुलिसकर्मी लोगों को कोर्ट जाने, सामान की शिनाख्त करने जैसी बातें कहकर सिर्फ आवेदन लेने और जांच करने का आश्वासन दे रहे हैं। कथा पंडाल में लोगों की सुरक्षा के लिये एक पुलिस सहायता केन्द्र बनाया गया है जहां एक सब इंस्पेक्टर और 10 जवानों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा भीड़ प्रबंधन और यातायात व्यवस्था के लिये अलग फोर्स तैनात है।

पुलिस का ध्यान सिर्फ भीड़ प्रबंधन पर…

महाकाल थाने के अलावा कथा पंडाल व आसपास के मार्गों पर जिले के थानों का पुलिस फोर्स तैनात किया गया है जिसका काम सिर्फ भीड़ प्रबंधन का है। यह पुलिसकर्मी चोरी, मारपीट या अन्य मामलों में न तो हस्तक्षेप करते हैं और न ही लोगों की मदद करने में रूचि दिखाते हैं। यहां तक कि कथा स्थल से महाकाल थाना 2 किलोमीटर दूर है और दूसरे शहरों से आने वाले लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं ऐसे में उनकी मदद करने या सही मार्गदर्शन देने वाला कोई जिम्मेदार मौजूद नहीं है।

प्रभारी बोले…शिकायत मिलने पर थाने भेज देते हैं

पुलिस द्वारा कथा पंडाल के पास जो पुलिस सहायता केन्द्र बनाया गया है उसके प्रभारी गोपाल सिंह राठौर का कहना है कि पिछले 4 दिनों में करीब 15 शिकायतें सोने की चैन, मोबाइल, पर्स, मंगलसूत्र चोरी की प्राप्त हुई होंगी। हमारे पास जो लोग चोरी की शिकायत लेकर आते हैं उन्हें थाने भेज देते हैं, जबकि थाने तक सिर्फ 4 लोग ही चोरी की शिकायत लेकर पहुंचे जिन्होंने आवेदन दिये लेकिन केस दर्ज नहीं कराया। खोया-पाया की शिकायतें लेकर आने वाले लोगों के खोये परिजनों को एनाउंसमेंट के माध्यम से तलाश भी पुलिस ही करा रही है।

जगह को लेकर कथा पांडाल महिलाओं के बीच हाथापाई

कथा पांडाल में बैठने की जगह को लेकर रोज विवाद हो रहे हैं। यहां स्थान को लेकर कुछ महिलाओं के बीच विवाद हुआ और नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। कथा के पहले दिन से ही पांडाल में भीड़ उमड़ रही है। कथा सुुनने के लिए श्रद्धालु अपना स्थान आरक्षित रखने की जद्दोजहद कर रहे हैं। इसके कारण आए दिन विवाद हो रहे हैं।

कल शाम भी यहां मौजूद कुछ महिलाओं में होने इसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। धीरे-धीरे यह विवाद हाथापाई तक पहुंच गया। देर तक वहां मौजूद लोग महिलाओं के इस विवाद के वीडियो बनाते रहे। आसपास बैठे श्रद्धालुओं ने जैसे-तैसे मामला शांत कराया।

कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिस तरह की व्यवस्था के दावे आयोजन समिति ने किए थे, वैसे नजर नहीं आ रहे। पूर्व में कहा गया था कि लगभग 200 चलित शौचालय आयोजन स्थल के आसपास श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रखवाए जाएंगे। परंतु दावे के विपरीत गिनती के 10 12 चलित शौचालय उपलब्ध कराए गए। इनमें भी आधे चलित शौचालय इंदौर नगर निगम से मंगाए गए हैं।

उज्जैन : कथा पांडाल में रोज 15 से 20 श्रद्धालु हो रहे बीमार

उज्जैन। बडऩगर रोड पर 4 अप्रैल से चल रही पं. प्रदीप मिश्रा के कथा पांडाल में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। गर्मी के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं और उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया जा रहा है ।

जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि बडऩगर रोड पर जारी शिव महापुराण कथा स्थल से रोजाना लगभग 15 से 20 लोगों को तबीयत बिगडऩे पर एंबुलेंस के जरिए जिला अस्पताल लाया जा रहा है। आज सुबह भी कथा पांडाल से बड़वानी के निवासी बापू बापू सिंह पिता भगवान सिंह को तबीयत बिगडऩे पर एंबुलेंस द्वारा जिला अस्पताल लाया गया। जहां उसे उपचार दिया जा रहा है।

चिकित्सकों ने बताया कि कथा स्थल से रोजाना आ रहे मरीजों में गर्मी के कारण घबराहट, चक्कर आना था उल्टी दस्त जैसी बीमारियां पाई जा रही है। मर्ज के अनुसार उन्हें उपचार दिया जा रहा है। आवश्यकता पडऩे पर उन्हें 3 से 4 घंटे यहां रख कर भी उपचार किया जा रहा है। पिछले तीन-चार दिनों में इस तरह के 50 से ज्यादा मरीज कथा स्थल से उपचार हेतु जिला अस्पताल लाए जा चुके हैं।

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