पेंशन नियमों में बड़ा बदलाव
रिटायरमेंट पर विभागीय, न्यायिक कार्रवाई पेंडिंग होने पर भी पेंशन की पात्रता
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:सरकार ने चुनावी साल में सरकारी कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला किया है। रिटायरमेंट के वक्त तक विभागीय या न्यायिक जांच पेंडिंग होने के चलते निलंबित रहने वाले सरकारी कर्मचारी को भी उसके लिए पेंशन का फायदा मिलेगा। कर्मचारी को सस्पेंड होने के पहले की तारीख तक की अर्हकारी सेवा अवधि, अनंतिम पेंशन की गणना के लिए ली जाएगी।
अर्हकारी सेवा के आधार पर अनुज्ञेय अधिकतम पेंशन के बराबर अनंतिम पेंशन कार्यालय प्रमुख द्वारा स्वीकृत की जाएगी। सरकारी कर्मचारी के खिलाफ विभागीय या न्यायिक कार्रवाई जारी रहने पर भी सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारी को अनंतिम पेंशन की पात्रता होगी।
मप्र सरकार ने जारी आदेश में मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 में संशोधन किया है। ये संशोधन नियम 64 के स्थान पर स्थापित किए गए हैं, ये संशोधित नियम 12 दिसम्बर 1990 से लागू माने जायेंगे।
अनंतिम पेंशन की भुगतान अवधि
सेवानिवृत्ति की तारीख से शुरू होकर विभागीय या न्यायिक कार्यवाई खत्म होने के बाद सक्षम अधिकारी द्वारा अंतिम आदेश पारित होने की तारीख तक की अवधि के लिए कार्यालय प्रमुख द्वारा सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी को अनंतिम पेंशन का भुगतान किया जाएगा।
उपदान के लिए ये होगी व्यवस्था
विभागीय या न्यायिक कार्यवाहियां खत्म होने पर अंतिम आदेश जारी होने तक किसी उपदान राशि का भुगतान नहीं किया जा सकेगा। पेंशन नियम 64 में हुए संशोधन में प्रावधान किया गया है कि विभागीय कार्यवाही, मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 16 के अधीन नियमों के नियम 10 के खण्ड (एक), (दो) और (चार) में विनिर्दिष्ट शास्तियों में से कोई शास्ति अधिरोपित(रिकवरी) करने के लिए संस्थित की गई हो तो सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी को अनुज्ञेय उपदान के 90 प्रतिशत तक अनंतिम उपदान का भुगतान किया जाएगा। यह अनंतिम उपदान नियम 60 के उप-नियम (2) में उल्लेखित बकायों को समायोजित करने के बाद भुगतान किया जाएगा।
ऐसे होगा समायोजन
सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी को उप नियम (1) के अंतर्गत दी गई अनंतिम पेंशन और उपदान राशि, विभागीय जांच या न्यायिक कार्रवाई के खत्म होने के बाद स्वीकृत किए गए अंतिम सेवानिवृत्ति लाभों के विरूद्ध समायोजित की जाएगी। यह भी प्रावधान किया गया है कि अंतिम रूप से स्वीकृत पेंशन और उपदान राशि से, पहले दी गई अनंतिम पेंशन एवं उपदान राशि के कम होने या पेंशन, उपदान को कम करने या स्थायी रूप से अथवा विनिर्दिष्ट कालावधि के लिए रोक लगाने की स्थिति में, वसूली नहीं की जाएगी।