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प्रारंभिक प्रशासनिक जांच में 4 करोड़ की हेराफेरी उजागर

मामला 550 से अधिक किसानों से धोखाधड़ी का

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन सेवा सहकारी संस्था लेकोड़ा में 550 से अधिक किसानों से धोखाधड़ी के मामले में प्रशासन की प्रारंभिक जांच में 4 करोड़ रु. का गबन उजागर हुआ है। इसके बाद अब राशि राजसात कर एफआईआर की तैयारी की जा रही है।

सेवा सहकारी संस्था लेकोड़ा में किसान क्रेडिट कार्ड से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी और हेराफेरी का मामला सामने आने के कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम में इसकी जांच के आदेश जारी दो सदस्यी दल का गठन किया था। इसमें एसडीएम कृतिका भीमावद और उपायुक्त सहकारिता को जांच का जिम्मा देकर दो दिन के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच पूरी हो गई है। इसमें ४ करोड़ रु. का गबन सामने आया है। इधर सेवा सहकारी संस्था का प्रबंधक शिकायत के बाद से ही फरार है। एसडीएम द्वारा की गई,जांच का प्रतिवेदन कलेक्टर के समक्ष पहुंच गया है। अब इस मामले में प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी।

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खाते में राशि जमा करने की मांग

किसानों ने शुक्रवार को जिला सहकारी बैंक की भरतपुरी शाखा में नारेबाजी की। किसानों ने आरोप लगाया कि बैंक के अन्य कर्मचारी भी धोखाधड़ी में शामिल है। सभी एफआईआर कर किसानों ड्यू को खत्म करने के साथ किसानों के खाते से निकाली गई राशि किसानों के खाते में जमा की जाए।

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30 साल से एक ही प्रबंधक

सूत्रों का कहना है कि प्रतिवेदन के मुताबिक सेवा सहकारिता संस्था लेकोडा के प्रबंधक ने 4 करोड का घोटाला किया है। किसानों को जमा की गई राशि की रसीद तो दी,लेकिन किन्तु राशि को खाते में जमा नहीं किया। प्रबंधक निशीकांत निशिकांत चव्हाण पिछले 30 साल से लेकोडा में पदस्थ है। उस पर किसान भरोसा करते थे। संस्था में करीब 625 किसान सदस्य है। इसमें से करीब 300 किसानों के साथ धोखाधडी हुई है। इसके अलावा एक नियम की भी अनदेखी हुई है। नियामानुसार किसान को प्रति बीघा 9 हजार का कर्ज को दिया जाता है। कुछ किसानों की केवल 5 बीघा जमीन थी। इसके बाद भी 10 बीघा के मान से कर्ज दे दिया गया।

इन 4 बिंदूओं पर जांच…

कलेक्टर के निर्देश पर मामले की जांच 4 बिंदूओं पर की गई। इसमें किसानों को केसीसी ऋण कम देने, किसानों के खाते राशि निकालने, राशि जमा होने के बाद भी खाते में जमा नहीं कराने,जितना ऋण किसान ने लिया उससे 3 से 4 गुना राशि निकालने के बिंदू शामिल थे।

दो किसानों की मौत के बाद राशि निकाल ली

मामला तब सामने आया जब किसान बैंक में ऋण लेने पहुंचे तो पता चला की पहले से किसानों का ओवर ड्यू चल रहा है। किसानों की मांग पर बैंक से किसानों के स्टेटमेंट निकाले गए तो किसानों के पैरो से जमीन खिसक गई। दो किसानों की मौत के बाद राशि निकाल ली गई। कई किसानो की लोन राशि जमा होने के बाद भी उनके खाते में लाखों रुपए की ड्यू राशि दिखा रहा है। इधर किसानों का आरोप है कि प्रबंधक ने दो मृतक किसानों को भी नहीं छोड़ा उनके खाते से भी लाखों रुपए निकाल लिए थे।

किसान सालिग्राम सावंत की दो वर्ष पहले मौत हो चुकी है। उनके खाते से 2 लाख 99 हजार रुपए निकाल लिए। इसी तरह मृतक चिंतामन पटेल के खाते से डेढ़ लाख रुपए का लोन निकाल लिया गया। जवासिया के रहने वाले किसान सुरेश पटेल 2022 में 22 हजार रुपए जमा करने के बाद बैंक में देखा तो पता चला कि 45761 रुपए देना शेष है। सुरेश की माताली लीला बाई भी 2018 में लिए ऋण के 25000 भर चुकी है इसके बाद भी 50211 रुपए शेष बताया जा रहा है। किसान मनोज पटेल 95 हजार लिए उसके एवज में 234241 रुपए शेष बताया जा रहा हे, जबकि मनोज सभी ऋण चुकता कर चुके है।

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