किरदार निभाने वाले अभिनेता जय रंधावा ने Instagram पर फिल्म का पोस्टर लांच किया
शैलेष व्यास.उज्जैन/दुर्लभ इन सिनेमा सून (In Cinema Soon) जी हा…। दुर्लभ पर फिल्म बनने वाली हैं। दुर्लभ की भूमिका निभाने वाले एक्टर ने सोशल मीडिया (इंस्टाग्राम) पर फिल्म का पोस्टर पोस्ट किया हैं।
दुर्लभ 16 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा और 20 साल की उम्र में अपराध की दुनिया का पोस्टर बॉय बन कर मारा गया। दुर्लभ इस दुनिया से जा चुका है लेकिन इसके नाम पर उज्जैन में आज भी गैंग चल रहे हैं और अब दुर्लभ पर फिल्म बनाने वाली हैं।
माथे पर टीका, आंखों में सुरमा और कंधे पर गमछे वाला एक पोस्टर इंस्टाग्राम वायरल हुआ हैं। फर्क केवल इतना हैं कि पोस्टर में दुर्लभ की जगह अन्य किसी की फोटो हैं। इसे फिल्म में दुर्लभ की भूमिका निभाने वाले एक्टर जय रंधावा ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर पोस्ट किया हैं। पोस्टर पर लिखा हैं। जय रंधावा IN & AS (इन एंड एएस) दुर्लभ। Director Mahesh Bhatt(डायरेक्ट बाय मनीष भट्ट)।
उज्जैन का गैंगेस्टर दुर्लभ कश्यप भले ही दुनिया को अलविदा कह चुका हो,लेकिन मात्र 20 साल की उम्र में अपराध की दुनिया का बड़ा चेहरा बन गया था। इन सालों में उसके कई दुश्मन बने जिन्होंने उसे मौत के मुंह में धकेला। दुर्लभ कश्यप ने कम उम्र में ही अपना खौफ लोगों के मन में बैठा दिया था।
जिस उम्र में युवक अपने भविष्य की चिंताओं में उलझे रहते हैं, उतनी उम्र में दुर्लभ के ऊपर आधा दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमें दर्ज थे। हालांकि, अब दुर्लभ कश्यप इस दुनिया में नहीं है पर उसके नाम पर अब भी कई गैंग सक्रिय हैं।
जस नाम तस गुण….दुर्लभ कश्यप, जस नाम तस गुण मतलब नाम दुर्लभ तो काम भी और वारदात भी। एक खास ड्रेस कोड, सोशल मीडिया के जरिए धमकी और गैंग का प्रचार। यही काम करने का तरीका था उस 20 साल के लड़के का, जिसे उज्जैन का सबसे बड़ा डॉन बनना था। पर और अब तो उस पर फिल्म भी बन रही हैं।
15-16 साल की उम्र में जब लड़के अपनी पढ़ाई और भविष्य के बारे में सोचने लगते हैं, तब दुर्लभ कश्यप अपराध की दुनिया में जाने की तैयारी कर रहा होता है। दुर्लभ की मां एक शिक्षिका तो पिता व्यापारी थे।
बाहर से अपराध की दुनिया जितनी आकर्षक लगती है वास्तविक में होती नहीं है, लेकिन उस 16 साल के लड़के को तो इस काम से नाम और प्रसिद्धि चाहिए थी, जिसका अंजाम सिर्फ और सिर्फ मौत ही होता है। 16 साल की उम्र में कश्यप अपराध की दुनिया में उतरा और 2 साल होते-होते उज्जैन में इसके नाम का सिक्का चलने लगा।
अपनी एक अलग ही पहचान बना रखी थी दुर्लभ ने…माथे पर लाल टीका, आंखों में सुरमा और कंधे पर गमछा, यही पहचान थी दुर्लभ कश्यप और उसके गैंग की। दुर्लभ कश्यप अक्सर हथियारों के साथ अपना फोटो सोशल मीडिया पर डालता था। युवा जल्द ही उसके स्टाइल से प्रभावित होने लगे और दुर्लभ की गैंग में लड़कों की भर्ती होने लगी।
दुर्लभ की गैंग में ज्यादातर बदमाश नाबालिग ही थे। अपने फेसबुक पर दुर्लभ ने लिख रखा था- कुख्यात बदमाश, हत्यारा, पेशेवर अपराधी, किसी भी विवाद के लिए संपर्क करें। दुर्लभ इसी तरह के पोस्ट डालता, जो युवाओं को आकर्षित करता। फिर ये बदमाश हर तरह के क्राइम को अंजाम देते थे। 18 साल की उम्र तक दुर्लभ पर 9 मामले दर्ज हो चुके थे।
तात्कालीन एसपी की चेतावनी दुर्लभ भूल चुका…..पुलिस के लिए दुर्लभ सिरदर्द बन चुका था। अक्टूबर 2018 को दुर्लभ आखिरकार अपने 23 साथियों के साथ पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। तब तात्कालीन एसपी सचिन अतुलकर ने ने दुर्लभ से कहा था,- तुमने बहुत ही कम उम्र में बहुतों से दुश्मनी मोल ले ली है, जेल में रहेगा तभी सुरक्षित रहेगा।
दुर्लभ जेल तो गया लेकिन गैंग चलता ही रहा। कोरोना के दौर में जब जेल से बदमाशों को जमानत पर रिहा किया जाने लगा तो दुर्लभ भी जेल से बाहर आ गया। पुलिस अधिकारी की चेतावनी दुर्लभ भूल चुका था, लेकिन अपराध की दुनिया कभी भी अपने दुश्मन को नहीं भूलती है। 6 सितम्बर 2020 को दुर्लभ रात में घर में खाना खाया और अपने साथियों के साथ सिगरेट पीने एक दुकान पर पहुंचा।
यहां पर एक और गैंग, शाहनवाज भी अपने साथियों के साथ मौजूद था। दोनों गैंगों में पहले से ही दुश्मनी थी। सिगरेट की दुकान पर विवाद हुआ। बात बढ़ी और दोनों गैंग भिड़ गए।
शाहनवाज और उसकी गैंग ने जहां चाकू से वार किया। वहीं दुर्लभ ने शाहनवाज पर गोली चला दी, जो उसके कंधे पर जा लगी। शाहनवाज गैंग संख्या में ज्यादा था और वो लगातार चाकुओं से वार कर रहा था। इस घटना में दुर्लभ कश्यप की मौत हो गई। दुर्लभ को 34 बार चाकुओं से गोदा गया था।
- lightroom crack version for pc
- cubase 8 cracked
- lightburn license key
- avg driver updater free registration key
- avast anti track premium license key
- avast anti track premium full
उधर चेले पर फिल्म, इधर गुरु पुलिस की हिरासत में….गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप पर जहां बॉलीवुड में फिल्म बनाने की तैयारी चल रही है, इधर उज्जैन पुलिस ने दुर्लभ कश्यप के कथित गुरु को पकडऩे में सफलता हासिल की हैं। अर्जुन पिता पीरु लाल निवासी तिलकेश्वर कॉलोनी पुलिस में लिस्टेड अपराधी जिला बदर तो है। अन्य थानों में वांटेड़ हैं। खुद को गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप का गुरु बताने वाले अर्जुन की पुलिस को काफी लम्बे समय से तलाश थी। शुक्रवार-शनिवार की रात माधवनगर पुलिस ने फिल्म स्टाईल में गिरफ्तार किया हैं।