पैदल यात्रा निकालकर जता रहे नाराजगी, सीएम को सौंपेंगे ज्ञापन
उज्जैन। विद्युत वितरण कंपनी के खिलाफ आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के निष्कासित कर्मचारियों ने अब राजधानी में डेरा डालने का निर्णय लिया है। यह कर्मचारी नियमितीकरण और बहाली की मांग पूरी नहीं होने से भोपाल में सीएम हाउस के सामने प्रदर्शन करेंगे। इसमें शामिल होने के लिए उज्जैन से भी करीब 150 कर्मचारी पैदल निकल गए है।
मध्यप्रदेश बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव एवं महामंत्री राहुल मालवीय ने बताया कि जिस प्रकार राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री ने अपने राज्य में ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। ठीक उसी प्रकार राजस्थान सरकार से प्रेरणा लेकर मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को बिजली सेक्टर सहित प्रदेश के सभी विभागों में एक सरकारी कंपनी बना कर ठेकेदारों के स्थान पर सीधे सरकारी कंपनी से वेतन देने की घोषणा करना चाहिए। बता दें कि बिजली कर्मचारी लंबे समय से संविदा कर्मचारियों को नियमित करने और आउटसोर्स कर्मचारियों के संविलियन की मांग कर रहे हैं, इसके बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं की जा रही।
यह है कर्मचारियों की मांगें
कर्मचारी विभागों से सीधे वेतन देकर विभागीय संविलयन करने एवं गत जनवरी में हुए आउटसोर्स आंदोलन के दौरान हटाए गए 1000 आउटसोर्स कर्मचारी और 50 से अधिक संविदा कर्मचारियों को वापस सेवा में लेने सहित उन्हें ब्लैक लिस्ट सूची हटाने की मांग कर रहे है।
प्रदेशभर से जुटेंगे कर्मचारी
प्रदेश की बिजली सेक्टर के ऑउटसोर्स कर्मचारियों ने सविनय निवेदन पद यात्रा शुक्रवार से प्रारंभ की गई है। जो कि आगामी 14 फरवरी को भोपाल पहुचेंगी। इस दौरान अलग-अलग जिले के कर्मचारी उनसे जुड़ते जाएंगे। महाकाल मंदिर से शुरू हुई यात्रा में करीब 150 लोग शामिल हुए।