Sunday, October 1, 2023
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बिजली कंपनी… तेज हवा और बारिश से भी सबक नहीं

विद्युत तार से टकरा रही पेड़ों की टहनियां, कई क्षेत्रों में फाल्ट और ट्रिपिंग की समस्या बरकरार

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन बिजली कंपनी शहर में प्री-मानसून मेंटेनेंस के नाम पर कैसी औपचारिकता निभा रही है यह शहर के कई क्षेत्रों में देखा जा सकता है। जगह-जगह सड़कों के किनारे लगे पेड़ों की टहनियां बिजली के तार और पोल से टकरा रही है। दर्जनों मर्तबा शिकायत करने के बाद भी न तो निगम और न ही कंपनी ने पेड़ों की छटाई की। नतीजतन जरा- सी तेज हवा चलने पर यहां फॉल्ट हो जाता है और फिर घंटों तक बिजली गुल रहती है।

इन दिनों हालात यह है कि तेज हवा चली तो ट्रिपिंग की समस्या होने लगती है। नतीजतन बिजली गुल का दौर चल पड़ता है। यह स्थिति शहर में लगभग हर जगह है लेकिन शहर के बाहरी इलाकों में जहां की सड़कों के किनारे पेड़ अधिक है वहां लंबे समय से विद्युत कंपनी और नगर निगम ने पेड़ों की छटाई नहीं की है। दरअसल, कोठी रोड क्षेत्र में लगे पेड़ों की सालों से छंटाई नहीं हुई हैं।

अटल अनुभूति पार्क के पास लगे पेड़ों की टहनियां बिजली की लाइनों से टकरा रही हैं। कई हिस्सों में टहनियों के बीच तार छुप गए हैं। इस संबंध में लोगों ने निगम और विद्युत के जोन पर कई बार शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। कभी जल्दी छंटाई का आश्वासन दिया गया तो कभी कहा गया कि बिजली के तार के ईदगिर्द बिजली कंपनी छंटाई करेगी। लेकिन महीनों बाद भी कुछ नहीं हुआ।

खर्च पर एक नजर
विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में बिजली आपूर्ति को लेकर तकनीकी दिक्कत न आए, इसके लिए हर साल 5करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च की जाती है। इसमें पेड़ों की छटनी, विद्युत लाइनों और ट्रांसफार्मरों का रखरखाव शामिल हैं। बावजूद शहर में बिजली सप्लाई व्यवस्था का बुरा हाल है। स्थिति यह है कि थोड़ी हवा और बारिश में ही बिजली गुल का दौर शुरू हो जाता है।

बारिश के पहले प्री-मानसून मेंटेनेंस कार्य किया जाता है, इस दौरान जिन क्षेत्रों में फाल्ट और ट्रिपिंग की समस्या आती है। वहां पेड़ों की छटनी कराकर विद्युत लाइनों को व्यवस्थित किया जाता है। इसके लिए कंपनी की ओर से हर साल अलग से राशि मिलती है। – सतीश कुमरावत, ईई विद्युत वितरण कंपनी

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