पोटली में पहुंचे बच्चों के शव:जिद कर ड्राइवर की बगल वाली सीट पर बैठे थे, इसी साइड से भिड़ी बस; इंदौर में साथ निकलीं शवयात्राएं
गुना में हुए हादसे में जिंदा जले इंदौर के तीनों बच्चों के शव पोटली में घर लाए गए। गाड़ी से जैसे ही तीनों शवों को उतारा गया, परिवार के लोगों में चीख-पुकार मच गई। शर्मा परिवार के आने के पहले यहां अंतिम संस्कार के लिए प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। शुक्रवार देर शाम एक गली से एक साथ तीनों की शव यात्राएं निकलीं। अंतिम संस्कार पंचकुईया में हुआ।
परिवार ने बताया कि बच्चों ने बस में ड्राइवर के पास वाली सीट पर बैठने की जिद की थी। ड्राइवर नितेश ने जहां बच्चे बैठे थे, उसी तरफ से बस, सड़क पर खड़े कंटेनर से टकरा दी। बच्चे नींद में थे। वे बाहर नहीं निकल पाए और अंदर ही जलकर उनकी मौत हो गई।
इंदौर से मथुरा दर्शन के लिए मिनी बस से निकले परिवार के साथ हादसा हुआ था। गुना में चाचौड़ा के बरखेड़ा के पास सड़क किनारे खड़े कंटेनर से मिनी बस भिड़ गई थी। टक्कर के साथ ही बस में आग लग गई थी। हादसे में इंदौर के माधव शर्मा (20), दुर्गा (13) और खरगोन निवासी रोहित (19) की मौत हो गई थी।
द्वारकापुरी इलाके की शनि मंदिर वाली गली में हादसे की खबर मिलने के बाद से ही सन्नाटा था। लोग एक-दूसरे को दीपावली की बधाई देने की बजाय शर्मा परिवार को ढांढस बंधा रहे थे। दुर्गा के पिता इस हादसे में घायल हुए हैं। उनका कहना है कि भगवान ने बच्चों पर ही क्यों कहर बरपाया। रोहित का परिवार भी इंदौर आकर बेटे को खोने के गम में डूब गया