भैरव अष्टमी: भैरव मंदिरों में रात 12 बजे होगी जन्म आरती…

By AV NEWS

काल भैरव मंदिर रोशनी से दमका, दर्शनों को उमड़ी भक्तों की भीड़, कल निकलेगी सवारी…

उज्जैन। मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी को भैरव अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। आज सुबह से ही भैरव मंदिरों में भगवान का अभिषेक पूजन किया जा रहा है। मध्य रात्रि 12 बजे भगवान की जन्म आरती होगी। कालभैरव मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा रहा है। भगवान का दो दिनी जन्मोत्सव बुधवार सुबह से शुरू हुआ।

काल भैरव मंदिर के मुख्य पुजारी पं. धर्मेंद्र चतुर्वेदी, पं. सदाशिव चतुर्वेदी ने बताया कि सुबह 6 बजे मंदिर के पट खुले। इसके बाद अभिषेक कर पूजा अर्चना की। शाम 6 बजे जनकल्याण की कामना से हवन होगा।

रात 9 बजे आरती बाद भगवान का भैरव सहस्त्र नामावली से अभिषेक, स्वर्ण बरक, सोने-चांदी के आभूषणों से शृंगार, 56 भोग व 4 क्विंटल बूंदी प्रसाद अर्पण कर रात 12 बजे महाआरती की जाएगी। गुरुवार को बाबा को परंपरा अनुसार सिंधिया पगड़ी धारण कराई जाएगी। शाम 4 बजे पालकी पूजन के पश्चात कालभैरव की सवारी निकलेगी।

बटुक भैरव का फलों से अभिषेक

चक्रतीर्थ स्थित श्री बटुक भैरव मंदिर पर आज भैरव अष्टमी धूमधाम से मनाई जा रही है। मंदिर के प्रमुख वरुण तिवारी ने बताया कि सुबह 8 बजे भगवान बटुक भैरव का सुगंधित द्रव्य एवं फलों के रसों से अभिषेक पूजन के बाद चोला एवं स्वर्ण शृंगार किया।

इन मंदिरों में भी आयोजन :

गढ़कालिका मार्ग स्थित श्री कुचेरा भैरवनाथ मंदिर की पुजारी दुर्गा मंगल गेहलोत के अनुसार सुबह 6 बजे अभिषेक-पूजन कर शृंगार किया। भैरव नामावली, भैरवाष्टक का पाठ व भजन किए जा रहे हैं।

-भागसीपुरा स्थित मंदिर के पं. राजेश व्यास ने बताया भगवान का अभिषेक पूजन किया। रात 8 बजे पं.चंद्रशेखर व्यास के निर्देशन में भजन संध्या होगी।

-सिंहपुरी स्थित आताल पाताल भैरव मंदिर में सुबह 10 बजे भगवान का अभिषेक और रात 12 बजे आरती होगी। गुरुवार शाम 5 बजे यहां से सवारी निकलेगी।

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