एमपी में इन्फ्लूएंजा वायरस की एंट्री
भोपाल में मिला इन्फ्लूएंजा वायरस का संक्रमित
स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट
संक्रमित युवक की हालत ठीक
मध्यप्रदेश में H3N2 इन्फ्लूएंजा का पहला मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने राज्य की राजधानी भोपाल में वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है।
भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि 20 से 25 साल के बीच के मरीज में बुधवार को एच3एन2 वायरस की पुष्टि हुई और अब उसमें कोई लक्षण नहीं है।स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें खांसी और जुकाम की शिकायत थी, जिसके बाद उनके स्वाब का नमूना प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजा गया था।
उन्होंने कहा कि भोपाल के बैरागढ़ इलाके के रहने वाले मरीज को किसी भी अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया था और फिलहाल वह घर पर ही ठीक हो रहा है।
इन्फ्लूएंजा वायरस चार प्रकार के होते हैं – ए, बी, सी और डी।
एच3एन2 इन्फ्लुएंजा ए वायरस का एक उप-प्रकार है।
जारी हुई गाइडलाइन
एमपी में पहला मामला आने के बाद गाइडलाइन जारी की गई है। स्वास्थ्य आयुक्त डॉ सुदाम खाड़े ने राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी और सिविल सर्जन को निर्देश दिए हैं कि फ्लू और सीजनल इन्फ्लूएंजा वेरिएंट की आशंका होने पर मरीजों को जंच के लिए प्रेरित करें। रैपिड रिस्पांस टीम भेजकर सर्वे करवाया जाए। इसके साथ ही जिला टॉस्क फोर्स की बैठक में जरूरी दवाइयां उपलब्ध कराई जाएं।
H3N2 के लक्षण क्या हैं?
बता दें कि इसमें ठंड लगना, खांसी, ज़ुकाम, बुखार, उल्टी, गले में खराश, मांसपेशियों और शरीर में दर्द के साथ पेट खराब होना जैसे लक्षण देखे गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, H3N2 की बीमारी में बाकी वायरस के मुकाबले खतरनाक है.
इसमें मरीज के अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है. 92 फीसदी मरीजों में बुखार, 86 फीसदी में खांसी, 27 फीसदी में सांस लेने में दिक्कत, 16 फीसदी में सांस की नली में घरघराहट, 16 फीसदी में न्यूमोनिया और 6 फीसदी में मिर्गी की समस्या देखी गई है. 10 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट तो 7 फीसदी को आईसीयू केयर की जरूरत पड़ी है.