Saturday, December 9, 2023
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महाकाल नगरी उज्जैन में विधानसभा चुनाव से पहले विरोध के स्वरों का ‘शंखनाद’

महाकाल नगरी उज्जैन में विधानसभा चुनाव से पहले विरोध के स्वरों का ‘शंखनाद’

‘मेरे परिवार का वोट चौड़ीकरण में मंदिर तोडऩे वालों को नहीं’

पर्यावरण प्रेमी की शपथ जो शिप्रा को प्रवाहमान रखने की शपथ लेगा उसी को दूंगी वोट…

अक्षरविश्व न्यूज .उज्जैन :विधानसभा चुनाव से पहले उज्जैन में वोटिंग के खिलाफ स्वर उभरे हैं। केडी गेट रोड चौड़ीकरण में जैन समाज के घरों पर फ्लैक्स लगाकर चेतावनी दी गई है कि ‘मेरे परिवार का वोट चौड़ीकरण में मंदिर तोडऩे वालो की नहीं दिया जाएगा।’

दूसरी ओर शिप्रा नदी में प्रदूषित नाला उफनने से व्यथित पर्यावरण प्रेमी और प्रदूषण निवारण मंडल से सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डॉ. प्रतिमा जोशी ने शपथ ली है कि जो शिप्रा को प्रदूषण मुक्त कर प्रवाहमान बनाएगा, उसी को वोट दूंगी। इसके लिए वे अन्य लोगों को भी प्रेरित करने के अभियान में जुट गई हैं।

विधानसभा चुनाव की अभी घोषणा नहीं हुई है लेकिन महाकाल नगरी के लोगों ने अपने तेवर का अभी से शंखनाद कर दिया है। मध्यप्रदेश में उज्जैन पहला ऐसा नगर है, जहां इसकी शुरुआत हुई है।

चुनाव परिदृश्य से पहले बनी दो परिस्थितियां…

मंदिरों पर भी लगे फ्लेक्स

केडी गेट से इमली तिराहा के बीच रोड चौड़ीकरण में जैन मंदिरों के हिस्से तोडऩे के लिए नगरनिगम प्रशासन द्वारा अल्टीमेटम देने के बाद जैन समाज के लोगों ने अपने घरों पर फ्लैक्स के जरिए अपना विरोध दर्ज कराया है। जैन मंदिरों पर भी ये फ्लैक्स चस्पा किए गए हैं।

इन पर लिखा है जैन समाज का वोट, चौड़ीकरण में मंदिर तोडऩे वालों को नहीं दिया जाएगा। दरअसल, रोड चौड़ीकरण की सीमा में दिगंबर और श्वेतांबर जैन मंदिर भी आ रहे हैं। मंदिर ट्रस्ट चाहते हैं मंदिरों की चौड़ीकरण से मुक्त रखा जाए। इसके लिए अपना विरोध दर्ज कराने के लिए जैन समाज ने विरोध का यह रास्ता अपनाया है। कई घरों पर ये फ्लैक्स लगा दिए गए हैं।

शिप्रा को लेकर उठी वेदना

प्रदूषण विभाग से सेवानिवृत्त डॉ. प्रतिमा जोशी ने अपना पूरा जीवन अब पर्यावरण के लिए समर्पित कर दिया है। शिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त करने और नदी किनारों पर अपने खर्च से पौधे लगाने वाली डॉ. जोशी की वेदना इसलिए उभर गई क्योंकि मंगलवार को रामघाट पर एक बार फिर प्रदूषित नाला उफन गया और प्रदूषित पानी शिप्रा में मिल गया। उन्होंने कहा वे बचपन से देखती आ रही हैं लेकिन आज तक करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी शिप्रा को प्रदूषण करने वाले नाले को बंद करने का स्थाई समाधान नहीं किया जा सका।

उन्होंने बुधवार को मंत्री, सांसद और विधायकों को भी वाट्सअप कर यह वेदना बताई और कहा उन्होंने शपथ ली है कि आने वाले चुनाव में उसी को वोट दूंगी जो शिप्रा को प्रदूषण से मुक्त करा सकेगा। इस संकल्प के साथ उन्होंने मुहिम शुरू कर पर्यावरण प्रेमियों सहित अन्य लोगों को जोडऩा शुरू कर दिया है।

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